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गोवा में कोई जिला खुले में शौचमुक्त नहीं

गोवा को अक्सर विदेशियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक के तौर पर पेश किया जाता है लेकिन तीन साल पहले...
गोवा में कोई जिला खुले में शौचमुक्त नहीं

गोवा को अक्सर विदेशियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक के तौर पर पेश किया जाता है लेकिन तीन साल पहले शुरू किये गये सरकार के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान के तहत इसके किसी जिले को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित नहीं किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि बिहार एवं मणिपुर के साथ पश्चिम तटीय राज्य में एक भी ऐसा जिला नहीं है जिसे खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया हो। चौंकाने वाली बात यह है कि गोवा में सिर्फ दो जिले हैं जबकि बिहार में 38 एवं मणिपुर में नौ जिले हैं।

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से गोवा में एक भी जिला खुले में शौच मुक्त नहीं है। हमें यह जानने की आवश्यकता है कि राज्य को (इस संबंध में) क्या दिक्कतें आ रही हैं।’’ अधिकारियों का मानना है कि दुनिया के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक होने के कारण राज्य की इस चुनौती से निपटने की तत्काल आवश्यकता है।

प्रक्रिया में तेजी लाने और कारणों का पता लगाकर राज्य को जल्द से जल्द खुले में शौचमुक्त करने के लिये समाधान तलाशने के मकसद से अय्यर गोवा गये थे।

मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि राज्य में सिर्फ दो जिले हैं - उत्तर गोवा एवं दक्षिण गोवा। इसलिए इसे अब तक खुले में शौचमुक्त हो जाना चाहिए। यह बहुत छोटा राज्य है।’’ अधिकारियों का मानना है कि गोवा देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक है। इसके पर्वतीय भू-भाग एवं निम्न जलस्तर के कारण यहां पानी की समुचित आपूर्ति करने में मुश्किल आती है। इसलिए अधिकतर ग्रामीण इलाकों में लोग मजबूरन खुले में शौच जाते हैं।

उन्होंने बताया कि गोवा में अधिकतर शहरी इलाकों विशेषकर जिन स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं और प्रवासी मजदूरों एवं परिवारों के रहने के लिये बने बिना शौचालय की सुविधा वाले अनियंत्रित एवं अवैध परिसरों में ओडीएफ एक मुद्दा बन गया है।

गोवा, बिहार एवं मणिपुर के अलावा ओडिशा, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी भी ओडीएफ सूची में निचले स्थान पर हैं।

अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल एवं चंडीगढ़ तथा दमन-दीव जैसे केंद्र प्रशासित राज्य ओडीएफ सूची में शीर्ष पर हैं और ये शत प्रतिशत कवरेज हासिल करने के करीब हैं।

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