अगर किसी कारोबार को स्थापित करना है और उसकी ग्रोथ को बरकरार रखना है तो यह उतना आसान नहीं है। सही सपोर्ट और मार्गदर्शन की कमी में कई बार जमा जमाया कारोबार बर्बाद हो जाता है या फिर स्थापित होने से पहले ही सब खत्म हो जाता है। कंपनी की ग्रोथ रुकती है तो इन्वेस्टर भी हाथ खींच लेते हैं। लेकिन इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इन्हीं सब परेशानियों को दूर करता है इंटरनेशनल एक्रेडिटेशन क्वॉलिटी मैनेजमेंट काउंसिल (आईएक्यूएमसी)।
असल में एक बिजनेस हाउस को कई मोर्चों पर संघर्ष करना होता है। जो उद्यम सभी मुश्किलों को मात देकर सफल रहता है, वही मार्केट लीडर कहलाता है और जो मुश्किलों का ठीक से मुकाबला नहीं कर पाता वो इस दौड़ में पीछे रह जाता है। आईएक्यूएमसी भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से अनुमोदित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठन (आईएलओ) है, जो दुनिया भर में उद्योग जगत से जुड़े लोगों की मुश्किलों को आसान बनाने में मदद करता है।
इस क्षेत्र में प्रोफेशनल अनुभव और ज्ञान रखने वाले डॉ. तपन कुमार राउतराय और मिस ऋतंजलि राउतराय के निर्देशन में यह काउंसिल काम कर रही है। यह कई तरह से उद्यमों की मदद करता है, जिसमें ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन और लर्निंग जैसी चीजें शामिल है। इसके तहत बिजनेस को स्थापित करने, बिजनेस को बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा में टिके रहने और इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए उपयोगी टिप्स दिए जाते हैं।
काउंसिल के डायरेक्टर डॉ. तपन बताते हैं कि हमारा सर्टिफिकेशन उन उद्यमों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो अपने उद्योग को गुणवत्ता की मान्यता दिलाने और बाजार में उचित मौके की तलाश में हैं। हमारे थोड़े से सहयोग से वह बिजनेस वर्ल्ड में बेहतर तरीके से स्थापित हो सकते हैं। मसलन, कैसे अपने व्यवसाय को बेहतर बनाना है? ग्लोबल बिजनेस वर्ल्ड में कैसे सामंजस्य बिठाना है? कंपटीशन में कैसे बने रहना है और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए क्या करना है? अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी कंपनी और उत्पाद की प्रतिष्ठा में सुधार कैसे करना है? बाजार के वे कौन से नियम हैं जिन्हें फॉलो करना है? कहां लागत में कटौती करना है, कहां निवेश करना है और कहां सुधार करना है, इत्यादि।