हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जींद में कथित तौर पर हुए दलितों के धर्म परिवर्तन से इनकार किया है। एएनआई के मुताबिक, खट्टर ने कहा, ऐसी कोई घटना मेरी जानकारी में नहीं है। एक आदमी ने इसे प्रचारित किया। हमने पड़ताल की। बौद्ध धर्म में किसी का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है।
क्या है मामला
इससे पहले एएनआई की एक खबर के मुताबिक, सरकार से नाराज करीब 120 दलितों ने जींद में बौद्ध धर्म अपना लिया था। सरकार के द्वारा मांगे पूरी ना की जाने के बाद इन परिवारों ने दिल्ली के लद्दाख बौद्ध भवन में जाकर बौद्ध धर्म को अपनाया। दलित नेता दिनेश खापड़ ने बताया कि वह पिछले 113 दिनों से जींद में धरना दे रहे थे, लेकिन राज्य सरकार ने हमारी एक भी बात नहीं सुनी।
खापड़ ने बताया, 'हरियाणा सरकार ने 7 मार्च को हमारी मांगें पूरी करने के लिए तैयार हो गए थे। हमने 20 मई को चेतावनी दी थी कि अगर एक हफ्ते में हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तो हम बौद्धा धर्म अपना लेंगे। हमने 27 मार्च को दिल्ली के लिए चलना शुरू किया और 2 जून को लद्दाख भवन में बौद्ध धर्म अपना लिया।'
क्या थीं मांगें
दरअसल, इन सभी की मांग थी कि गैंगरेप केस की सीबीआई जांच की जाए, ईश्वर हत्याकांड के परिजनों को नौकरी दी जाए, जम्मू में शहीद हुए दलित परिवार को नौकरी दी जाए और इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट में अध्यादेश लाया जाए।