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मोदी की टीम नहीं, टीम उत्तराखंड कहें

नरेंद्र मोदी ने जब देश के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली थी तब कहा गया था कि उनकी टीम में गुजरात के अधिकारियों की भरमार है। गुजरात के अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में आज भी बहुत हैं मगर अब शीर्ष पदों पर अब उत्तराखंड के अधिकारियों का दबदबा बढ़ गया है।
मोदी की टीम नहीं, टीम उत्तराखंड कहें

पिछले ढाई साल के दौरान खास पदों पर उत्तराखंड के लोगों की जमकर नियुक्तियां हुई हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पीएमओ में सचिव भास्कर खुल्बे के बाद देश की थलसेना की बागडोर पहाड़ के सपूत लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को सौंपना तय हो गया है। अब विदेशों में भारतीय जासूसी की कमान संभालने वाले रिसर्च एवं एनालिसिस विंग यानी रॉ के मुखिया का अनिल कुमार धसमाना को बनाया गया है। शनिवार को उनकी नियुक्ति की घोषणा हुई है।

धस्माना भले ही उत्तराखंड के हो मगर अधिकारी मध्य प्रदेश काडर के हैं। नवंबर में ही लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट देश के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) बनाए गए थे। इससे पहले, फरवरी 2016 में राजेंद्र सिंह कोस्ट गार्ड के प्रमुख बनाए गए थे। वह भी उत्तराखंड के चकराता से हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को तो पीएम मोदी का सबसे विश्वस्त सलाहकार कहा जाता है। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर नोटबंदी तक डोभाल मोदी के हमराज रहे हैं। अब सेना प्रमुख और रॉ प्रमुख के पदों पर हुई नियुक्तियां भी बताती हैं कि मोदी उत्तराखंड मूल के अधिकारियों को तरजीह दे रहे हैं। (एजेंसी)

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