कश्मीरी लेखक और पत्रकार गौहर गिलानी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है। इससे पहले भी राज्य के कई लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, ‘गौहर को हिरासत में लिए जाना बिल्कुल गलत, गैर-कानूनी और असंवैधानिक है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर रेज एंड रीजन के लेखक गौहर गिलानी मीडिया ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए सुबह की फ्लाइट लेकर जर्मनी जा रहे थे। लेकिन शनिवार को इमिग्रेशन अधिकारियों ने दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर 10 मिनट रुकने को कहा। गिलानी ने बताया कि 5 घंटे के बाद उन्हें पासपोर्ट लौटाया गया। लेकिन, तब तक रात के 2 बज चुके थे जिसकी वजह से उन्हें कोई होटल नहीं मिला। गिलानी का कहना है कि मेरा ट्रेनिंग प्रोग्राम छूट गया। यह मेरे बोलने और घूमने के अधिकार में ही कटौती नहीं की गयी है बल्कि मेरे रोजगार के अधिकार को भी सीमित किया गया है।
उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। गिलानी बताते हैं कि वो थोड़े डरे हुए हैं क्योंकि जब पूर्व मुख्यमंत्री समेत 4000 लोगों को हिरासत में रखा गया तो फिर कौन सी जगह सुरक्षित होगी, दिल्ली या कश्मीर।
कई लोग हिरासत में
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार गिलानी को इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर हिरासत में लिया गया था। एक सूत्र के अनुसार हिरासत में लिए जाने के बाद उनका सामान भी ले लिया गया और अभी वो इमिग्रेशन अधिकारियों के साथ ही हैं।
अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बाद काफी सारे नेताओं और नागरिकों को हिरासत में लिया गया था। इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। लगभग 500 लोगों को हिरासत में लिया गया था। पिछले महीने आईएएस अधिकारी से नेता बने शाह फैसल को भी आईजीआई हवाई अड्डे पर रोका गया था।