24 मई को संपत्तियों की जब्ती के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि पहली नजर में मेरा मानना है कि आदेश में कुछ भी गलत नहीं है और विभाग के फैसले पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। कोर्ट ने मामले में स्टे देने से भी इंकार कर दिया।
सत्येंद्र जैन की कुछ कथित संपत्तियों को में 25 फरवरी को जब्त किया गया था और 24 मई को आयकर विभाग ने फैसला होने तक जब्ती रखने का आदेश बढ़ा दिय़ा। सत्येंद्र जैन ने अदालत में दलील दी थी कि संपत्ति जब्त करने के मामले में बेनामी संपत्ति का संशोधित कानून लागू नहीं होता। उनका दावा था कि कथित बेनामी संपत्ति का लेन देन 2011 से 31 मार्च 2016 के दौरान हुआ था जिसके चलते नवंबर 2016 में संसोधित कानून लागू नहीं होता।
हालाकि अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह इस तरह का पहला मामला है तथा जैन को पहले गैर प्रतिबंधित कानून का भी लाभ मिलेगा। सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने नोटिस नहीं जारी करने के आदेश का विरोध किया। मामले में अगली सुनवाई के लिए छह जुलाई की तारीख लगा दी गई है। उधर, सत्येंद्र जैन के वकीलों ने कहा कि यह आदेश पारित करने से पहले गवाहों की परीक्षा कर ली गई जबकि उन्हें इसमें जिरह का मौका नहीं दिया गया।