असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) द्वारा हाल ही में जारी किए गए ड्राफ्ट के बाद जारी विवाद के बीच विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इससे बांग्लादेश के साथ देश के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि बांग्लादेश सरकार का मानना है कि यह प्रक्रिया भारत का आंतरिक मामला है। इसलिए हम बांग्लादेश से अपने बेहतर रिश्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने देंगे
रवीश कुमार ने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से संपर्क में हैं। हमने उन्हें सुनिश्चित किया है कि यह अभी तक केवल एक ड्राफ्ट है, इस लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनाया गया है और असम के लोगों की पहचान प्रक्रिया जारी है।
प्रवक्ता ने पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निवेदन पर इस मामले को तीन अगस्त को यूके सेंट्रल अथॉरिटी को भेज दिया गया है। यह ईडी आग्रह पर जारी दो रेड कॉर्नर नोटिस पर आधारित है, इस मामले में हम ब्रिटिश सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
पीएनबी घोटाले के एक अन्य आरोपी मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण पर उन्होंने कहा कि हमने एंटीगुआ और बरबुडा के विदेश मंत्रालय से 3 अगस्त को प्रत्यर्पण अनुरोध किया है। इस बारे में हमें वहां से कहा गया है कि वे अनुरोध की जांच कर रहे हैं। हमें इंतजार करना पड़ेगा और जैसे ही कोई सूचना आएगी तो उसकी जानकारी दी जाएगी।
वहीं विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर रवीश कुमार ने कहा कि हम माल्या को भारत लाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे, यह मामला वेंस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट लंदन में चल रहा है। इसकी अगली सुनवाई 12 सितंबर 2018 को होनी है।
10 अगस्त को होने वाले खालिस्तानी प्रदर्शन के मामले में प्रवक्ता ने कहा कि कि लंदन में कार्यक्रम आयोजित करना एक अलगाववादी गतिविधि है, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर प्रभाव डालता है। यह हिंसा और घृणा का प्रचार करना चाहता है, आशा करते हैं कि वह हमारे रिश्तों को ध्यान में रखेंगे।