भारत के सभी प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्डधारकों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के नए नियमों के तहत बदलाव किया गया है। शुक्रवार को जारी गृह मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड (ओसीआई) रखने वाले ऐसे प्रवासी भारतीयों को अब स्पेशल परमिट की जरूरत होगी जो देश में किसी तरह की रिसर्च, मिशनरी या तबलीगी कार्यक्रम में शामिल होने या फिर पत्रकारिता गतिविधियों में शामिल होना चाहते हैं। बता दें कि विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीय लोगों के लिए एक ख़ास तरह की सुविधा का नाम है ओसीआई कार्ड।
हालाकि घरेलू हवाई यात्रा में शुल्क और राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों और भारत में संग्रहालयों के लिए प्रवेश शुल्क के मामले में ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय नागरिकों के साथ समानता देकर एक बड़ी रियायत दी है।
गृहमंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे लोग जो किसी तरह की रिसर्च, मिशनरी या तबलीगी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आना चाहते हैं उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से विशेष अनुमति लेनी होगी। साथ ही जो ओसीआई कार्ड धारक संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाना चाहते हैं विदेशी राजनयिक मिशन के इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहते हैं उन्हें भी पूर्व अनुमति के लिए आवेदन देना होगा।
इसके अलावा ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय बच्चों को गोद लेने, अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे नीट, जेईई मेंस, जेईई एडवांस्ड या फिर इस तरह की दूसरी परीक्षाओं में एनआरआई सीट या फिर ऐसी अन्य सीट पर एनआरआई के समान ही पात्र समझा जाएगा।
मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोगों की बड़ी सभाओं के खिलाफ दिशानिर्देश जारी किए गए थे। बावजूद इसके 500 से अधिक तब्लीगी जमात के सदस्यों को दिल्ली में संगठन के मुख्यालय में निवास करते हुए पाया गया था, वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए 233 विदेशी तबलिगी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से कई को काली सूची में डाल दिया गया था, और भारत की भावी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था।