भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 अक्टूबर तक ओडिशा तट पर 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने वाले भयंकर चक्रवाती तूफान के आने का अनुमान लगाया है, जिसके मद्देनजर ओडिशा सरकार ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर पर्यटकों से तीर्थ नगरी पुरी को जल्द ही खाली करने को कहा है।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के बाद यह परामर्श जारी किया। पुजारी ने संवाददाताओं से कहा, "जो पर्यटक पुरी आए हैं, उन्हें समुद्र तटीय तीर्थ नगरी को जल्द ही छोड़ देना चाहिए, क्योंकि जिले के भीषण चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की संभावना है।"
पुजारी ने कहा कि पुरी जिला प्रशासन को भी मंगलवार से लेकर चक्रवात के आने तक तीर्थ नगरी में लोगों को आने से रोकने को कहा गया है, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है। इस बीच, पुरी जिला प्रशासन ने सोमवार को समुद्र तट पर लाल झंडे लगा दिए और सभी को समुद्र में प्रवेश करने से रोक दिया।
लाइफ गार्ड तैनात करने के अलावा सरकार ने जन संबोधन प्रणाली का भी इस्तेमाल किया और लोगों से समुद्र में न जाने को कहा। एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन को आशंका है कि चक्रवात के आने से पहले समुद्र में तेज धाराएं हो सकती हैं।
24 और 25 अक्टूबर को ओडिशा के लिए दो महत्वपूर्ण दिन बताते हुए मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन को सैकड़ों महिलाओं की देखभाल करने को कहा गया है जो 'कार्तिक ब्रत' मनाने के लिए शहर आई हैं। 'हबिश्याली' कहलाने वाली ये महिलाएं कार्तिक के पवित्र महीने में हर दिन जगन्नाथ मंदिर जाती हैं।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा, जो पर्यटन विभाग की भी प्रभारी हैं, ने ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के अधिकारियों से राज्य के स्वामित्व वाले गेस्ट हाउस पंथा निवास में ठहरने वाले पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
इस बीच, पुजारी ने कहा कि चक्रवात के दौरान प्रबंधन का पूर्व अनुभव रखने वाले अधिकारियों को इस बार चक्रवात संभावित जिलों में तैनात किया गया है। पुजारी ने कहा, "संबंधित अधिकारी चक्रवात के प्रबंधन में जिला प्रशासन की सहायता करेंगे।" उन्होंने कहा कि संवेदनशील जिलों में चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष चालू कर दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टरों को सामान्य स्थिति बहाल होने तक संभावित जिलों में स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और कॉलेजों की छुट्टियां घोषित करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक हेलीकॉप्टर भेजने पर सहमति जताई है, जिसे आपातकालीन कार्य के लिए भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर तैयार रखा जाएगा। मंत्री ने कहा कि इसका इस्तेमाल बचाव और राहत कार्यों के लिए किया जाएगा। इस बीच, राज्य के कृषि विभाग ने आसन्न चक्रवात के मद्देनजर 25 अक्टूबर तक अपने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
विभाग ने किसानों के लिए एक सलाह भी जारी की है, जिसमें उन्हें अपनी फसलों की रक्षा करने और 85 प्रतिशत पकने पर उन्हें काटने के लिए कहा गया है। शहरी विकास विभाग ने शहरी स्थानीय निकायों के अधिकारियों को संभावित जल-जमाव से निपटने के लिए तैयार रहने और चक्रवात के दौरान लोगों को पीने के पानी और अन्य बुनियादी जरूरतों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।