विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि 2016-2018 में 395 अफगानी मुसलमानों और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता दी गई। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम किसी की नागरिकता नहीं छीन रहे हैं बल्कि प्रदान कर रहे हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को भी भारतीय नागरिकता दी गई थी। उन्होंने कहा, "तस्लीमा नसरीन एक और उदाहरण है। इससे साबित होता है कि हमारे ऊपर लगे सभी आरोप गलत हैं।" उन्होंने कहा, “पिछले छह सालों में पाकिस्तान के 2838 शरणार्थियों, 914 अफगानों और 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई, जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा, "1964 -'08 से, चार लाख से ज्यादा श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता दी गई। 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को नागरिकता दी गई थी।"
60 साल पहले आए शरणार्थियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं
सीतारमण ने पूर्वी पाकिस्तान से 50 या 60 साल पहले आए लोगों को लेकर भी निराशा व्यक्त की, जो अब भी विभिन्न शिविरों में रहे रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर आप इन शिविरों में जाते हैं, तो आपको रोना आ जाएगा। श्रीलंका के शरणार्थियों की भी स्थिति वैसी ही है और वे शिविरों में रह रहे हैं। उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल सकी हैं।
सीएए लागू करना राज्यों की जिम्मेदारी
उन्होंने कुछ राज्यों द्वारा सीएए को लागू नहीं करने के प्रस्ताव को 'असंवैधानिक' बताते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि संसद में पारित कानून को लागू किया जाए। सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना एक राजनीतिक बयान देने जैसा ही है लेकिन कहना कि वे इसे लागू नहीं करेंगे, तो यह कानून के खिलाफ और असंवैधानिक है। सीतारमण सीएए पर चेन्नई सिटीजन्स फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रही थीं।