मीरा कुमार ने कहा कि विपक्ष की पार्टियों ने सर्वसम्मति से उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। सभी विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर आधारित है। मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुमार ने यह बात कही।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये चर्चा है कि दो दलित आमने-सामने हैं। उन्होंने कहा कि हम अभी तक ये तय कर रहे हैं कि समाज किस तरह सोचता है। कुमार ने कहा कि जब उच्च जाति के लोग उम्मीदवार होते हैं तो उनकी जाति की चर्चा नहीं की जाती है। मीरा कुमार ने साफ कहा कि जाति को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए।
मीरा कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, प्रेस की आजादी और पारदर्शिता, में उनकी गहरी आस्था है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव विचारधारा का चुनाव है। उन्होंने कहा कि वे सभी से इसी आधर पर समर्थन मांगेंगी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडी (यू) के समर्थन को लेकर मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में तय नहीं किया है कि नीतीश कुमार से समर्थन की अपील करें या न करें।
हाल के दिनों में दलितों पर हुए हमलों की बाबत जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है।” हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो को लेकर मीरा कुमार ने कहा, “सभी सांसदों ने लोकसभा की स्पीकर रहते मेरे काम करने के तरीके की सराहना की है, किसी ने भी पक्षपात का आरोप नहीं लगाया।”
I will go to Sabarmati Ashram,will start my campaign from there: Meira Kumar pic.twitter.com/MEKNFrzvEZ
— ANI (@ANI_news) June 27, 2017
गौरतलब है कि मीरा कुमार को 17 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। नीतीश कुमार की जनता दल (यू) ने मीरा कुमार की बजाया एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और बिहार के गवर्नर रह चुके रामनाथ कोविंद का समर्थन किया है। लालू प्रसाद यादव की इफ्तार में नीतीश ने कहा था कि विपक्षी दलों ने बिहार की बेटी (मीरा कुमार) को हराने के लिए खड़ा किया है। उधर एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद पहले ही अपना प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं।