सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा है। कांग्रेस ने कर्नाटक में भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा नहीं होने के बावजूद राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा भाजपा को आमंत्रित किए जाने के बारे में राष्ट्रपति कोविंद को अवगत कराने के लिए समान विचार वाली पार्टियों की तरफ से उनसे मिलने का समय मांगा है।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा गया है लेकिन कल कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण को देखते हुए उनसे अगले सप्ताह मुलाकात की संभावना है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और समान विचार वाली दूसरी पार्टियां राष्ट्रपति को इस बारे में अवगत कराना चाहती है कि कर्नाटक के राज्यपाल ने भाजपा के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं होने के बावजूद उसे सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया।
राजद सहित ये दल राष्ट्रपति के समक्ष यह बात रखना चाहते हैं कि हर राज्य में सरकार गठन के लिए अलग अलग नियमों का हवाला दिया जा रहा है।
लालू प्रसाद की पार्टी का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से भाजपा को सरकार गठन का न्योता दिया गया तो फिर यही आधार बिहार में भी लागू होना चाहिए था जहां वह सबसे बड़ी पार्टी है।
दरअसल, शीर्ष अदालत ने आज कहा कि येदियुरप्पा कल शाम चार बजे विधानसभा में बहुमत साबित करें। इससे पहले राज्यपाल ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।
राज्यपाल ने बुधवार को येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया था जिसके विरोध में कांग्रेस ने बुधवार रात ही शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है।