नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध लगातार जारी है। आंदोलन तेज करने के लिए 70 से ज्यादा छात्र और युवा संगठनों ने मंगलवार को हाथ मिलाया। नये साल के दिन ‘नेशनल यंग इंडिया कोर्डिनेशन एंड कम्पैन’ के सदस्य और इस आंदोलन के समर्थक संविधान बचाने का संकल्प लेंगे। साथ ही उन्होंने ‘नये साल का संकल्प-संविधान बचाओ’ नारा भी बनाया है।
यह घोषणा करते हुए संगठनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 71वें गणतंत्र दिवस से पहले नागरिकता संशोधन कानून अधिनियम वापस लेने की मांग की। यंग इंडिया नेशनल कोर्डिनेशन कमिटी (वाईआईएनसीसी) के सदस्य एन साई बालाजी ने कहा, ‘‘ जब हमने नेशनल यंग इंडिया कोर्डिनेशन एंड कम्पैन शुरू करने के लिए प्रेस विज्ञप्ति तैयार की तब हमारे पास 50 से अधिक संगठन थे। अब यह संख्या 70 है और इसमें इजाफा जारी है।’’
यूनियनों में तालमेल बनाना मकसद
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारा मकसद राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों, संगठनों, यूनियनों के बीच तालमेल बनाना, उनके दायरे और प्रभाव को बढ़ाना है।’’ जो संगठन इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं उनमें एफटीआईआई छात्र संघ, पुणे, भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चो, राजस्थान, अशोका यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स गवर्नमेंट, दिल्ली, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ओर्गनाइजेशन, पंजाब, भीम आर्मी, ऑल आदिवासी असम स्टूडेंट्स यूनियन, और आईआईटी गांधीनगर शामिल हैं।
मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
वाईआईएनसीसी की सदस्य कंवलप्रीत कौर ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘हम सभी को याद रखना चाहिए कि यह छात्र समुदाय था, पहले सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। चाहे वह जामिया मिलिया इस्लामिया या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हो। अब अब हम सभी आज एक साथ सरकार को यह बताने के लिए जा रहे हैं कि हम हमेशा देश के संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए खड़े रहेंगे।‘