पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद के खिलाफ जंग को लेकर कहा है कि वह भविष्य में किसी और देश की लड़ाई नहीं लड़ेंगे। इमरान ने कहा कि वह शुरू से ही जंग के खिलाफ रहे हैं और उनकी सरकार की विदेश नीति देश के सर्वोच्च हित में होगी।
रक्षा दिवस के कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान के कई सांसद, डिप्लोमैट्स, खिलाड़ी और तमाम कलाकार की मौजूदगी में ये बाते कहीं। इमरान के बयान का अर्थ इस बात से लगाया जा रहा है कि अपनी धरती पर पल रहे आतंकवादियों के खिलाफ ऐक्शन में अब पाकिस्तान पीछे हट सकता है।
हमारी विदेश नीति देश के सर्वोच्च हित में होगी: इमरान
पीटीआई के मुताबिक, आतंकवाद से जंग में गई जानों को लेकर इमरान खान ने कहा, ‘मैं बहुत पहले से इस जंग के खिलाफ रहा हूं। भविष्य में हम किसी भी दूसरे देश की जंग का हिस्सा नहीं बनेंगे। हमारी विदेश नीति देश के सर्वोच्च हित में होगी।’
हम ह्यूमन कैपिटल पर निवेश करने का काम करेंगे: पाक पीएम
इमरान खान ने कहा कि हम ह्यूमन कैपिटल पर निवेश करने का काम करेंगे। नए बने पीएम ने कहा कि बच्चों को स्कूल भेजने, अस्पताल तैयार करने और मेरिट सिस्टम बनाकर हम सभी के साथ एक समान व्यवहार सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मदीना के पहले मुस्लिम राज्य की तर्ज पर किया जाएगा। सेना और सरकार के बीच मतभेदों के सवालों पर इमरान ने कहा कि देश के हितों को लेकर हम एक ही राह पर हैं।
बाजवा बोले, 1965 और 1971 की जंग से बहुत कुछ सीखा
सेना के कामकाज की सराहना करते हुए इमरान ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा संस्थान है, जिसमें कोई राजनीतिक दखल नहीं है और सब कुछ मेरिट के आधार पर होता है। इसी कार्यक्रम में पाक सेना चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि हमने 1965 और 1971 की जंग से बहुत कुछ सीखा है और अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों को विकसित किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ जंग की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है।
भारत, अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया जाता रहा है
गौरतलब है कि अमेरिका और भारत की ओर से लगातार पाकिस्तान पर यह दबाव बनाया जाता रहा है कि वह अपनी धरती पर सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे।