पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने एकाएक लिए फैसले में मुंबई आतंकी हमला मामले में चल रही सुनवाई से अपने मुख्य अभियोजक को हटा दिया। पाकिस्तान की ओर से उठाए गए इस कदम पर सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने पाकिस्तान सरकार को आड़े हाथों लिया है।
पाकिस्तान की ओर से मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई से मुख्य अभियोजक को हटाने को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की लाइन पर न चलने के चलते यह कार्रवाई की गई है। इससे 26/11 के हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने की भारत की कोशिशों को धक्का पहुंचा है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के इस फैसले पर सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि इसका सीधा मतलब है कि पाकिस्तान उन आतंकियों का बचाव कर रही है जो इस हमले से जुड़े हैं। निकम ने कहा कि यह कदम पाकिस्तान ने डेविड हेडली के बयान के बाद के बाद पड़ रहे चौतरफा दबाव के बाद उठाया है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर, 2008 को आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के दस आतंकी कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे और इस हमले को अंजाम दिया। इसमें कई देशों के नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। पाक की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के एक अधिकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने एफआईए के विशेष अभियोजक चौधरी अजहर को हटा दिया है। वह 2009 से ही इस हाई प्रोफाइल मामले में मुख्य अभियोजक थे।