इराक के मोसुल शहर में ISIS आतंकवादियों के हाथों 39 भारतीय नागरिकों के मारे जाने की केन्द्र सरकार की पुष्टि के बाद मृतकों के परिजनों की उम्मीद और तलाश भी खत्म हो गई। मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा राज्यसभा में जब 39 भारतीयों की मौत की खबर सुनाए जाने के बाद मृतकों के परिवारों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। इस खबर के साथ हर आंख नम हो गई और बेबस दिल की यह उम्मीद भी टूट गई कि उनके अपने एक दिन वापस लौट आएंगे।
केंद्र द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद अपनों को खो चुके परिवार वालों ने डीएनए रिपोर्ट दिखाने की मांग की है। मृतकों के परिवारों में से कई ने समाचार एजेंसी एनएनआई से बात करते हुए डीएनए रिपोर्ट दिखाने की मांग की है। अपने भाई मजिंदर की मौत की सूचना पर उनकी बहन गुरपिंदर कौर ने कहा, 'चार साल से विदेश मंत्री हमसे कह रही थी कि वे जिंदा हैं। मैं अब किस पर भरोसा करूं। मैं उनसे बात करना चाहती हूं। हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। हमने बस संसद में उनका बयान सुना है।'
बहन गुरपिंदर ने कहा कि वह डीएनए रिपोर्ट देखना चाहती हैं। उन्होंने कहा, 'हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें डीएनए रिपोर्ट दिखाई जाए। इस मसले पर राजनीति की जा रही है. हम चार साल तक दौड़ते रहे और अब हमें टीवी से यह खबर मिल रही है।'
My brother went to Iraq in 2012 where he worked as a carpenter. We had been asking MEA for proof of him being alive or dead. We demand that reports of the DNA test be given to us: Malkit Ram, Brother of a Saganandlal who was among the 39 Indians killed in Mosul #Jalandhar pic.twitter.com/a4YMdZZu99
— ANI (@ANI) March 21, 2018
अपनों को खो चुके परिवार के लोगों का कहना कि हम तो बिछड़े प्रियजनों से एक बार गले भी न पाए, एक उम्मीद थी कि वो वापिस आएंगे लेकिन सरकार की एक खबर ने सबकुछ झटके से खत्म कर दिया।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को संसद में घोषणा की, 'पूरे सबूत मिलने के बाद मैं कह सकती हूं कि सभी 39 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है।'