केंद्र सरकार के नए आईटी रूल्स को लेकर टकराव बना हुआ है। इस बीच मंगलवार को सूचना व प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति के सामने फेसबुक और गूगल इंडिया के प्रतिनिधि पेश हुए। समिति ने इन कंपनियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और गलत इस्तेमाल के संबंध में चर्चा के लिए तलब किया था। समिति ने दोनों डिजिटल कंपनियों साफ कहा है कि वो नए आईटी नियमों को लागू करें और देश के नियमों का पालन करें।
फेसबुक की ओर से शिवनाथ ठुकराल और नम्रता सिंह, जबकि गूगल इंडिया से अमन जैन और गीतांजलि दुग्गल समिति के सामने पेश हुई। फेसबुक इंडिया के अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग के मुद्दे पर मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के सामने अपना पक्ष रखा। संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल मीडिया/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना था। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सचिवालय को निर्देश दिया है कि वो ट्विटर से दो दिन के अंदर लिखित जवाब मांगे कि ट्विटर ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर का अकाउंट क्यों ब्लॉक किया गया था।
इससे पहले फेसबुक के प्रतिनिधियों ने संसदीय समिति को सूचित किया था कि कोविड संबंधी प्रोटोकॉल के चलते उनकी कंपनी की नीति उनके अधिकारियों को भौतिक मौजूदगी वाली बैठकों में जाने की अनुमति नहीं देती है। जबकि समिति के अध्यक्ष थरूर ने फेसबुक से कहा कि उसके अधिकारियों को बैठक में पहुंचना होगा क्योंकि संसदीय सचिवालय डिजिटल बैठक की अनुमति नहीं देता है। फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों को बुलाए जाने से पहले ट्विटर के अधिकारियों ने समिति के समक्ष अपनी बात रखी थी। पिछली बैठक में समिति के कई सदस्यों ने ट्विटर से स्पष्ट तौर पर कहा कि उसकी नीतियां नहीं, बल्कि देश का कानून सर्वोच्च है।