आईआरसीटीसी होटल टेंडर घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट 17 सितंबर को अगली सुनवाई में चार्जशीट पर संज्ञान लेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर की गई चार्जशीट में लालू यादव के करीबी और पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता तथा तत्कालीन एमडी बी के अग्रवाल का नाम भी शामिल है। चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए गए है। इससे पहले लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव सहित सभी 14 आरोपियों एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। इस मामले में कोर्ट ने 31 अगस्त को लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया था। लालू यादव को 6 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। उन्हें पेशी के लिए रांची से दिल्ली लाया जाएगा।
ये है पूरा मामला
यह मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है। विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं। इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली। एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली। सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया। इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे।