दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पटना में मारपीट का केस दर्ज हुआ है। कन्हैया पर आरोप है की पटना के एम्स अस्पताल में उन्होंने मारपीट की है।
कन्हैया ने रविवार को पटना के एम्स अस्पताल में कुछ समर्थकों के साथ जूनियर डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी, लेकिन पुलिस के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ली है।
एफआईआर में 80 लोगों का नाम
पटना के फुलवारी शरफी थाने में दर्ज हुए केस में कन्हैया कुमार, सुशील कुमार समेत अन्य 80 लोगों के नाम शामिल हैं। डाक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। डाक्टरों का आरोप था कि कन्हैया रविवार की रात एम्स में भर्ती अपने एक मित्र और एआईएसएफ नेता सुशील कुमार से मिलने यहां पहुंचे थे।
जबरन इमरजेंसी जाना चाहते थे
कन्हैया के साथ करीब 40-50 समर्थकों ने उनके साथ ट्रॉमा इमरजेंसी में जाने का प्रयास किया। जब सुरक्षा गार्ड ने रोकने की कोशिश की तो गार्ड के साथ मारपीट की गई। वार्ड में तैनात डाक्टरों ने जब उनके समर्थकों को वापस जाने को कहा तब भी समर्थक वापस नहीं गए और उन्होंने डाक्टरों से दुर्व्यवहार किया। इसके बाद एम्स में काफी देर तक लेकर हंगामा होता रहा।
जेएनयू में कुछ साल पहले कथित तौर पर लगे देशविरोधी नारों के बाद कन्हैया कुमार चर्चा में आए थे। उसके बाद से ही कन्हैया राष्ट्रीय राजनीति को लेकर मुखर तौर पर बयान देने लगे और मोदी सरकार के आलोचकों में शामिल हो गए।