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स्मृति ईरानी ने कहा, नैतिकता और गवर्नेंस के दायरे से बाहर काम करने वाले लोग बड़ी चुनौती

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने कहा है कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान आर्मी...
स्मृति ईरानी ने कहा, नैतिकता और गवर्नेंस के दायरे से बाहर काम करने वाले लोग बड़ी चुनौती

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने कहा है कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान आर्मी के लिए बहाना है ताकि वो चीजों को कंट्रोल कर सकें। उन्होंने पाकिस्तान आर्मी को सबसे बड़ा कॉरपोरेट बताया, जो वहां फर्टिलाइजर से लेकर ब्रेड फैक्ट्री तक को कंट्रोल करती है।

यह बातें उन्होंने अपनी किताब 'द अनएंडिंग गेम' की लॉन्चिंग के दौरान कही। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और पूर्व विदेश सचिव कंवल सिबल भी मौजूद थे।

सूद ने कहा, मुझे इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि पाकिस्तान का नजरिया निकट भविष्य में बदलेगा। इसलिए जो कोई भी पाकिस्तान के साथ शांति की बात करता है तो ये ‘अच्छा’ विचार है। हम सभी को ऐसा विचार रखना चाहिए।‘

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई में अंतर बताते हुए कहा कि रॉ नीतियां बनाने वालों के लिए सर्विस प्रोवाइडर है जबकि आईएसआई पाकिस्तान की उस फोर्स का हिस्सा है, जो वहां की विदेश नीतियां तय करती है।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'लोगों को लगता है कि सर्विलांस का मतलब आपकी बातचीत को किसी तय समयावधि के लिए पकड़ना है। लेकिन तब क्या जब एक 20 साल का लड़का यह जानता है कि कैसे फोन को माइक्रोफोन में बदला जाए।'

उन्होंने कहा, 'जब आप किसी अफसर को देखते हैं तो जानते हं कि वो कार्य की नैतिकता से बंधे हुए हैं। चुनौती वो लोग हैं जो बगैर नैतिकता के काम करते हैं और गवर्नेंस के दायरे से बाहर काम करते हैं।‘ साथ ही उन्होंने कहा कि जब टेक्नोलॉजी चुनौती पैदा करती है, तो कोई न कोई समाधान भी आता है।'

269 पेज की इस किताब को पेंग्विंन रैंडम हाउस इंडिया की तरफ से प्रकाशित किया गया है। इस किताब में देशों के बीच इंटेलिजेंस को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नजरिये से बात रखी गई है।

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