जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार से अलग होने के फैसले को लेकर शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना की है। शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के षड्यंत्रों से जनता तंग आ चुकी है और उसे सच बोलना सीखने की जरूरत है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिवसेना ने आरोप लगाया है कि कश्मीर में भाजपा ने मुखौटा उतार दिया है और चुनाव की राजनीति शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर में सत्ता के तीन वर्षों के दौरान बीजेपी ने धारा 370 से लेकर एक देश एक निशान जैसे अपने मूल एजेंडे को छुआ तक नहीं लेकिन सरकार से बाहर निकलते ही इस मुद्दे पर बोलना शुरू कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना का कहना है कि पीडीपी के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव और दौड़-धूप बीजेपी ने ही की थी। पार्टी ने अपने मुख्यपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है कि कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने अपना मुखौटा उतार दिया है और चुनाव की राजनीति शुरू कर दी है। तीन वर्ष तक पीडीपी के साथ गद्दी गर्म करने के बाद बीजेपी की ओर से स्पष्टीकरण दिया जा रहा है कि सरकार काम नहीं कर रही थी।
बीजेपी ने कहा कि उनकी पीडीपी से बन नहीं रही थी, आतंकवाद बढ़ गया है, लेह-लद्दाख के विकास को सरकार ने नजरअंदाज किया और उसके कारण सरकार गिरानी पड़ी। इसमें लिखा गया है कि कश्मीर में फिर से पुराने मुद्दों को लेकर माहौल बनाया जा रहा है। लोग अब इस साजिश से ऊब चुके हैं। कोई तो उन्हें सच बोलने का प्रशिक्षण दे।
सामना में आगे लिखा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विशेष रूप से सारी जिम्मेदारी पीडीपी पर डाली है और कश्मीर के सत्यानाश के लिए, वहां की हिंसा के लिए पीडीपी को जिम्मेदार बताया है। शिवसेना ने सवाल किया है कि बीजेपी पीडीपी के साथ तीन साल तक सत्ताशैया भोगी लेकिन जो फल निकला उसके पितृत्व या जिम्मेदारी को नकार दिया है। पीडीपी के साथ सरकार बनाने की दौड़-धूप बीजेपी ने ही की थी।
सामना में लिखा है, महाराष्ट्र में शिवसेना को उपमुख्यमंत्री का पद देने से इनकार करने वाली बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में उपमुख्यमंत्री पद सहित विकास से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विभाग हासिल किए। लेह-लद्दाख के साथ कश्मीर सरकार का भेदभाव करने की बात समझने में बीजेपी को तीन साल का समय लगा यह बहुत आश्चर्यजनक है।