नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात मची भगदड़ के दौरान वहां मौजूद रहे कुलियों ने बताया कि उन्होंने हाथगाड़ियों पर शवों को ढोया था। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 से अधिक घायल हुए हैं। स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले कृष्ण कुमार जोगी ने बताया कि जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो भीड़ अचानक बढ़ गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ पुल (फुटओवर ब्रिज) पर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोगों का दम घुटने लगा। करीब 10 से 15 लोगों की जान वहीं चली गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी। हमने प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 से शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया।"
इस भगदड़ के कारणों पर उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने रविवार को कहा, "फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 की ओर उतरते समय कुछ लोग फिसल गये और अन्य लोगों के ऊपर गिर गए।" एक अन्य कुली बलराम ने घटना के संबंध में कहा, ‘‘हमने शवों को उन्हीं हाथगाड़ियों पर ढोया जिनका उपयोग हम सामान उठाने के लिए करते हैं। मैं 15 साल से कुली हूं, लेकिन इतनी भारी भीड़ मैंने पहले कभी नहीं देखी।"
एक अन्य कुली ने बताया कि शनिवार रात करीब 9:30 बजे जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो भीड़ अचानक बढ़ गई। उन्होंने कहा, "लोगों की चप्पलें, जूते और अन्य सामान बिखरा हुआ था। हमने कई बच्चों और बुजुर्गों को भीड़ से बाहर निकाला।"
अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ के कारण प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी जिससे यह भगदड़ मची। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। रेलवे के अनुसार, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को एक लाख रुपये दिए जाएंगे।