देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शाहीन बाग प्रदर्शकारियों पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि लोग सड़कों पर बैठे हैं और अपने विचार दूसरों पर थोपने के लिये आम जन-जीवन को बाधित कर रहे हैं जो आतंकवाद का ही दूसरा रूप है।
''भारतीय छात्र संसद'' में राज्यपाल ने कहा, ''उग्रता केवल हिंसा के रूप में सामने नहीं आती। यह कई रूपों में सामने आती है। अगर आप मेरी बात नहीं सुनेंगे, तो मैं आम जनजीवन को प्रभावित करूंगा।'' उन्होंने कहा, ''असहमति लोकतंत्र का सार है। इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन जब पांच लोग विज्ञान भवन के बाहर बैठ जाएं और कहें कि हमें यहां से हमें तब तक न हटाया जाए जब तक कि यह छात्र संसद एक प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर लेती, जिसे हम स्वीकार करते हैं। यह आतंकवाद का दूसरा रूप है।
'कश्मीर में सामान्य हो रही हैं चीजें'
उन्होंने कहा, "चीजों को भ्रमित न करें। दूसरों पर (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और) अभिव्यक्ति के नाम पर अपने विचारों को थोपने की कोशिश न करें।" जम्मू- कश्मीर पर उन्होंने कहा, ''अनुच्छेद 370 में कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया है। मैं यहां से कोई बड़ा दावा नहीं करना चाहता। लेकिन कश्मीर में जिस तरह से चीजें सामान्य हो रही हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम काफी हद तक आतंकवाद को खत्म कर पाएंगे।"
दो महीने से चल रहा है विरोध प्रदर्शन
बता दें कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत का सिलसिला चल रहा है। तीसरे दिन भी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचे। करीब दो महीने से भी अधिक दिनों से जारी इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए वार्ताकार दो दिनों से बातचीत कर रहे हैं। पिछले 69 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जारी प्रदर्शन की वजह से बंद नोएडा-फरीदाबाद सड़क को शुक्रवार को कुछ देर के लिए खोला गया।