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स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश, होम आइसोलेशन पर जा सकते है कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज

देशभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के होम आइसोलेशन को...
स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश, होम आइसोलेशन पर जा सकते है कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज

देशभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के होम आइसोलेशन को लेकर गाइडलाइन जारी की है। ये गाइडलाइन उनके लिए भी हैं जिनमें कोविड-19 जैसे लक्षण हैं या उन्हें लक्षण जैसा महसूस हो रहा है। इसके अलावा ऐसे मरीज जिनके पास अपने घर पर सेल्फ आइसोलेशन की सुविधा है, उनके पास अब होम आइसोलेशन का विकल्प होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जिन लोगों में कोरोना वायरस के हल्के लक्षण हैं या वे पूर्व-लक्षण अवस्था में हैं, तो वे घर पर खुद को होम आइसोलेशन में रखने का विकल्प चुन सकते हैं।  मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के मरीजों के आइसोलेशन में जाने से परिवार के अन्य सदस्य वायरस के संपर्क में आने से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन इस विकल्प को चुनने के लिए मरीज के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन की सुविधा होना अनिवार्य है। 

जिला निगरानी अधिकारी को देनी होगी जानकारी

सोमवार को जारी किए गए दिशानिर्देशों के एक नए सेट के अनुसार, मरीज का इलाज कर रहे चिकित्सा अधिकारी को उसे कोरोना के हल्के लक्षण वाले मामले या पूर्व लक्षण अवस्था वाले मामले के रूप में घोषित करना होगा। अगर रोगी होम आइसोलेशन पर जाता है तो उसे नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जानकारी जिला निगरानी अधिकारी को देनी होगी ताकि निगरानी टीमों द्वारा आगे की प्रक्रियाओं को किया जा सके। 

...ताकि वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके

इसके अलावा, चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित किए जाने के बाद मरीज की देखभाल कर रहे और उसके संपर्क में आए लोगों को प्रोटोकॉल के अनुसार एक निवारक दवा के रूप में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेना चाहिए। मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के सभी संदिग्ध और पुष्टि किए गए मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है और अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है ताकि वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। 

घर पर भी होम आइसोलेशन में रह सकते हैं मरीज

मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, रोकथाम के चरण के दौरान रोगियों को चिकित्सकीय रूप से बहुत हल्के/हल्के, मध्यम या गंभीर लक्षण वाले मरीज के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। इसके बाद इन्हें कोविड देखभाल केंद्र, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र या कोविड समर्पित अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।  मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षण या पूर्व-लक्षण अवस्था वाले मरीजों के घर पर यदि आइसोलेशन की सुविधा है तो वह अपने घर पर भी होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। 

कोरोना के 80 फीसदी मरीजों में हल्के लक्षण मिले हैं

वैश्विक साक्ष्यों के अनुसार, कोरोना के 80 फीसदी मरीजों में हल्के लक्षण मिले हैं, जबकि 20 फीसदी में लक्षण गंभीर अवस्था में है, जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है। वहीं, कोविड-19 के अस्पताल में भर्ती मरीजों में से, केवल पांच फीसदी मरीजों को आईसीयू देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। 

देशभर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 29 हजार के पार

बता दें देश में लॉकडाउन के बाद भी लगातार कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है। देश में अभी तक कोरोना के 29 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद ना सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि सभी राज्यों की सरकारें भी इसे कंट्रोल करने की कोशिश में जुटी हैं। कोरोना के चलते अभी तक 940 लोगों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन, राहत की बात यह है कि 7,164 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं। बात करें कोरोना के एक्टिव केस की तो 21,548 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज अभी भी जारी है।

 

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