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देशभर में छात्रों के लिए लागू होगा एक समान पाठ्यक्रम? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की कुछ धाराओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस...
देशभर में छात्रों के लिए लागू होगा एक समान पाठ्यक्रम? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की कुछ धाराओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि देश भर में बच्चों के लिए एक समान पाठ्यक्रम बनाया जाए।

ये याचिका अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आरटीई अधिनियम की धारा 1 (4) और 1 (5) संविधान की व्याख्या करने में सबसे बड़ी बाधा है और मातृ भाषा में एक सामान्य पाठ्यक्रम की अनुपस्थिति अज्ञानता को बढ़ावा देती है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि एक सामान्य शिक्षा प्रणाली को लागू करना संघ का कर्तव्य है लेकिन यह इस आवश्यक दायित्व को पूरा करने में विफल रहा है।

याचिका में कहा गया है कि प्रचलित प्रणाली सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान नहीं करती है क्योंकि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए पाठ्यक्रम भिन्न होता है।

अश्वनी कहते हैं, "यह बताना आवश्यक है कि अनुच्छेद 14, 15, 16, 21, 21A का अनुच्छेद 38, 39, 46 के साथ उद्देश्यपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण निर्माण इस बात की पुष्टि करता है कि शिक्षा प्रत्येक बच्चे का मूल अधिकार है और राज्य इस सबसे महत्वपूर्ण अधिकार के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकता है।"

याचिका में कहा गया है कि एक बच्चे का अधिकार केवल मुफ्त शिक्षा तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि बच्चे की सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार पर भेदभाव के बिना समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के लिए विस्तारित किया जाना चाहिए। क्योंकि यह 14 साल तक के बच्चों के लिए एक साझा न्यूनतम शिक्षा कार्यक्रम, असमानता को दूर करने और मानवीय संबंधों में भेदभावपूर्ण मूल्यों की कमी में मदद करेगा।

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