सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की आरटीपीसीआर जांच की दर पूरे देश में एक समान करने सम्बन्धी याचिका पर केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंगलवार को नोटिस जारी किये। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस टेस्ट के लिए अधिकतम रेट 400 तय होना चाहिए क्योंकि लागत 200 रुपये से भी कम है।
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील अजय अग्रवाल की याचिका की सुनवाई करते हुए सभी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा। याचिका में मांग की गई है कि देश में होने वाली आरटी पीसीआर जांच की दर को एक समान 400 रुपये तय कर दिया जाए। इससे कोरोना के टेस्ट में इजाफा होगा और लोगों को लाभ मिलेगा।
याचिकाकर्ता का कहना है कि देश में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट की अलग-अलग दर है। देश भर के राज्यों द्वारा अलग-अलग रेट तय किया गया है और कहीं 900 रुपये तो कहीं 2800 रुपये का रेट तय किया गया है। लेबोरेटरीज द्वारा बड़े पैमाने पर मनमाना रेट वसूला जा रहा है।
याचिकाकर्ता का दावा है कि भारतीय बाजार में ये किट 200 से कम में उपलब्ध है। इसके अलावा कोई और कॉस्ट नहीं है क्योंकि मशीन का जो इस्तेमाल होता है वह लैब में लगा हुआ है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस मामले को ऐसे ही मामलों से संबंधित याचिकाओं के साथ संबद्ध कर दिया है।