पीएम मोदी का पुतला जलाने पर एनएसयूआई ने जेएनयू की विंग को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला लिया है। एनएसयूआई ने इसे नैतिक नियमों का उल्लंघन माना है। एनएसयूआई के अध्यक्ष का कहना है कि हम किसी के भी पुतले को जलाए जाने के खिलाफ हैं। हालांकि यह घटना देश के युवाओं के बीच अशांति और बेचैनी को दर्शाती है।
जेएनयू में एनसयूआई के एक छात्रनेता ने स्वीकार किया कि जेएनयू की एनएसयूआई यूनिट नेे रावण के बजाए पीएम मोदी, अमित शाह और रामदेव समेत कई भाजपा नेताओं का पुतला जलाया है। छात्रों की राय है कि हमारा यह विरोध प्रदर्शन वर्तमान सरकार से हमारे गहरे असंतोष को दर्शाता है। छात्रों ने पुतले पर नारा बुराई पर सत्य की जीत होकर रहेगी लिखा था।
गौर हो कि रावण के मुख्य सर के तौर पर पीएम मोदी का और अन्य सिरों पर अमित शाह, नाथूराम गोडसे, योग गुरु बाबा रामदेव, साध्वी प्रज्ञा, आसाराम बापू और जेएनयू के वीसी एम जगदीश समेत अन्य भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं के चेहरे लगाए गए थे।
जेएनयू की एनएसयूआई के अध्यक्ष सन्नी धीमान का कहना है कि हमारा ये विरोध प्रदर्शन गौरक्षा के नाम पर यूथ फोरम फॉर डिस्कशंस एंड वेलफेयर एक्टिविटीज को निशाना बनाने के खिलाफ है। यह प्रदर्शन गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिमों और दलितों पर अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे वायएफडीए के सदस्यों को नोटिस जारी करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ था।