देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 2 अगस्त को ई-रूपी को लॉन्च किया। यह पर्सन और पर्पज स्पेसिफिक डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन पीएम मोदी ने इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च किया। इसका उद्देश्य कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देना है। इसके जरिए सबसे पहले मुंबई की एक निवासी ने कोवि-19 वैक्सिनेशन सेंटर पर पेमेंट किया। ईरुपी के जरिए भुगतान कुछ ही मिनटों में कैशलेस तरीके से और सुगमतापूर्वक हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे तय होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।
उन्होंने कहा कि ई-रुपी एक तरह से पर्सन के साथ-साथ परपस स्पेसिफिक भी है जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है। ई-रुपी को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।
पीएम ने कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि तकनीक तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम है। जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है। आज देश की सोच अलग और नई है।
बता दें कि ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इस निर्बाध वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सेवा प्रदाता पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे। ई-रुपी, सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान हो। ई-रुपी की प्रकृति प्री-पेड है, लिहाजा यह किसी भी मध्यस्थ की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देता है।