कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियां ‘चकित और हतप्रभ’ करने वाली है। उन्होंने कहा कि चीन ने एक बार फिर गलवान घाटी पर दावा किया है। क्या आप इस दावे को खारिज करते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से चीनी दावे को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर भारत सरकार आज चीन के दावे को खारिज नहीं करती है, तो इसके "भयानक परिणाम" हो सकते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में, पीएम ने कहा, "कोई बाहरी व्यक्ति लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं था।" यह स्पष्ट है कि पीएम का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पहले के बयानों के विपरीत है। उनका बयान हमें चकित और हतप्रभ कर गया।
किस मु्द्दे पर हुई वार्ता
उन्होंने कहा कि अगर किसी चीनी सैनिक ने एलएसी पार नहीं की और भारतीय सीमा में नहीं घुसा तो पांच-छह मई को दोनों सेनाओं का आमने-सामने आना क्या था। 5 और 6 जून को क्या मुद्दा था जिस पर भारतीय कमांडर अपने चीनी समकक्षो से बात कर रहे थे। भारत और चीन के कोर कमांडर के बीच वार्ता का विषय क्या था।
चिदंबरम ने सवाल किया कि अगर कोई चीनी सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ तो 15-16 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प कहां हुई। 20 भारतीय सैनिक कहां शहीद हुए। उन्होंने कहा कि एक बार जब प्रधानमंत्री यह बयान देते हैं कि भारतीय क्षेत्र में कोई चीनी नहीं है, तो उन्हें यह परिभाषित करना होगा कि भारतीय क्षेत्र क्या है।
चीनी सामान के बहिष्कार से कुछ नहीं होगा
चिदंबरम ने कहा है कि हमें जितनी जल्दी हो सके आत्मनिर्भर बनना होगा लेकिन बाकी दुनिया से रिश्ते भी खत्म नहीं कर सकते हैं। भारत को चीन के सामान का बहिष्कार नहीं करना है उसे वैश्विक सप्लाई चैन का हिस्सा बने रहना होगा। उन्होंने कहा कि चीन के साथ जो भी भारत के व्यापारिक रिश्ते हैं वह चीन के वैश्विक व्यापार का हिस्सा है। इसलिए चीन के सामानों के बहिष्कार से उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। जब सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों की बात करें तो इसमें बहिष्कार जैसी बातें नहीं आनी चाहिए।
सवर्दलीय बैठक में पीएम ने ये दिया था बयान
बता दें कि शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों से कहा था कि आज हमारे पास यह क्षमता है कि कोई भी हमारी जमीन के एक इंच हिस्से को भी नहीं ले सकता है। भारत की सशस्त्र सेना एक बार में कई क्षेत्रों में जाने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि न तो चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है और न ही कोई पोस्ट बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। तैनाती हो, कार्रवाई या जवाबी कार्रवाई हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वह कर रही हैं।