प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना की घटना के मद्देनजर अहमदाबाद हवाई अड्डे पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिख रहे हैं जबकि अधिकारी उन्हें दुर्घटना के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल का दौरा किया और जमीनी स्थिति की समीक्षा की। यह घटना अहमदाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन गैटविक जा रहे एएल-171 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के एक दिन बाद हुई।
प्रधानमंत्री ने एक एक्स पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "आज अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल का दौरा किया। तबाही का मंजर दुखद है। मौसम विभाग के अधिकारी और टीमें घटना के बाद अथक परिश्रम कर रही हैं। हमारी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस अकल्पनीय त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया है।"
प्रधानमंत्री आज सुबह शहर पहुंचे और उस जगह पहुंचे जहां 242 यात्रियों और चालक दल को ले जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। अधिकारियों ने उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु, राज्य गृह मंत्री हर्ष संघवी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मिलने अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचे।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली। शाह ने कहा कि लंदन जा रहे एयर इंडिया विमान हादसे में किसी के बचने की कोई संभावना नहीं थी, क्योंकि विमान में करीब 125,000 लीटर ईंधन जलने के कारण अत्यधिक तापमान हो गया था।
मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि मृतकों की सही संख्या डीएनए जांच के बाद ही आधिकारिक तौर पर बताई जाएगी। शाह ने बताया कि अब तक करीब 1000 डीएनए जांच की जा चुकी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा, "विमान में लगभग 125,000 लीटर ईंधन था और उच्च तापमान के कारण किसी को बचाने की कोई संभावना नहीं थी... मैंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया।"
उन्होंने कहा, "घटना के मात्र 10 मिनट के अंदर ही हमें सूचना मिल गई। इसके बाद मैंने प्रधानमंत्री, गुजरात के गृह मंत्री, गृह विभाग के नियंत्रण कक्ष, नागरिक उड्डयन विभाग और नागरिक उड्डयन मंत्री को इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने तुरंत फोन किया और केंद्र तथा राज्य सरकार के कर्मचारी राहत और बचाव कार्य में जुट गए।"