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SC-ST बिल पास होने पर बोले पीएम मोदी, कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को था इसका इंतजार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक पारित होने को...
SC-ST बिल पास होने पर बोले पीएम मोदी, कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को था इसका इंतजार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक पारित होने को ऐतिहासिक बताया और पार्टी नेताओं एवं सांसदों से इन कार्यों को सक्रियता के साथ जनता के बीच रखने को कहा। उन्होंने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था।

देशभर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनाएगा ये बिल: पीएम मोदी

भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में मंगलवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था। संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित किया है जो देशभर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनाएगा।

एससी-एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने को मोदी ने बताया महत्वपूर्ण पहल

प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने को महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति एवं समाज के वंचित वर्गों के समग्र विकास की जरूरत है और उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। इन कार्यों में इन वर्गों का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और बौद्धिक सशक्तिकरण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं और सांसदों से सरकार के इन कार्यों को जनता के समक्ष मजबूती से रखने को कहा। उन्होंने सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में इन कार्यों को सक्रियता से एवं मुखर होकर पेश करने को कहा।

सोमवार को लोकसभा में मिली इस बिल को मंजूरी

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने सोमवार को अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी थी। सरकार ने जोर दिया था कि भाजपा नीत सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है।

लोकसभा में कल लगभग छह घंटे तक हुई चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। कल ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को भी संसद की मंजूरी मिल गई।

राज्यसभा ने इससे संबंधित ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

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