पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) के कथित 4,355 करोड़ रुपये बैंक घोटाला मामले में पूर्व चेयरमेन वरियाम सिंह को मुंबई पुलिस ने शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। यह इस मामले में चौथी गिरफ्तारी है। वहीं, मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने मामले में निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को 17 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पूर्व चेयरमेन वरियाम सिंह को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पहले हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के लिए मुख्यालय लेकर गई। जहां उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, ईओडब्ल्यू ने बैंक में कथित 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े मामले में थॉमस को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। मामला दर्ज होने के बाद से थॉमस फरार चल रहा था। थॉमस ने 28 सितंबर को स्वीकार किया था कि बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक को छह साल से अधिक के वित्तीय जोखिम की रिपोर्ट नहीं दी है।
जब्त की प्रमोटर्स की कारें
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निजी जेट और एचडीआईएल प्रमोटरों की कारों को जब्त कर लिया है। ईडी ने कल हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रमोटर्स के ठिकानों पर छापा मारा था।
एचडीआइएल है मुख्य आरोपी
इससे पहले घोटाले के मुख्य आरोपी हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआइएल) के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन को 9 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था। इस कथित घोटाले में ईओडब्ल्यू ने एचडीआइएल और पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच में सहयोग नहीं करने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। कुल 44 में से 10 खाते, जिनके कारण बैंक कर्ज में डूबा था, एचडीआईएल से जुड़े थे।
पुलिस के अनुसार, पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने पिछले कर्जो का भुगतान न करने के बावजूद 2008 और 2019 में एचडीआईएल को कर्ज दिया। मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरबीआइ ने निकासी पर लगाई पाबंदी
पीएमसी के आर्थिक संकट में फंसने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक से पैसे निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया। पहले निर्देश दिया कि कोई भी खाताधारक छह महीने में 1000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेगा। बाद में यह रकम बढ़ाकर 25,0000 करोड़ रुपये कर दी गई। पीएमसी के कारण वित्तीय क्षेत्र में संकट की आशंका से शेयर बाजार में भी पिछले दिनों खासी गिरावट देखी गई थी।
ये है मामला
आरोप है कि एचडीआईएल ने पीएमसी बैंक से बहुत ज्यादा लोन लिया था, जिसे समय पर नहीं चुकाया। पीएमसी बैंक के कुल बुक साइज का 73 फीसदी कर्ज एचडीआईएल का ही है। यह 19 सितंबर को 8,880 करोड़ रुपये था।