11,300 करोड़ के बैंकिंग घोटाले पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सफाई दी है। पंजाब नेशनल बैंक के सीएमडी सुनील मेहता ने कहा है कि इस मामले की जानकारी हमने सीबीआई, सेबी और सभी संबंधित एजेंसियों को दे दी है। बैंक के कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और कुछ के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
This is a standalone incident. It has taken place only in one of our branches: Sunil Mehta, MD PNB. pic.twitter.com/96D8KFgdna
— ANI (@ANI) February 15, 2018
पीएनबी के एमडी ने कहा कि 123 वर्ष पुराना बैंक है, जिसकी स्थापना लाला लाजपत राय ने की थी। उन्होंने कहा कि यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक है। 2011 में शुरू हुए घोटाले में संलिप्त बैंक कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी जनवरी के तीसरे सप्ताह में मिली और 29 जनवरी को इसकी जानकारी सीबीआइ को दी गई और 30 जनवरी को इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई।
पीएनबी के सीएमडी ने कहा कि बैंक इस समस्या से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा कि आज आरोपियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई।
PNB has capability & capacity to come out of this. In response to our registered FIR, raids are being conducted on involved groups establishments; documents & records are being seized. Steps are being taken to protect financial interest of banks: Sunil Mehta, MD PNB #PNBScam pic.twitter.com/bVz0hsbCid
— ANI (@ANI) February 15, 2018
हम किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे
सुनील मेहता ने मीडिया से आग्रह किया कि यह मामला काफी संवेदनशील है इसलिए इसमें सहयोग करें. उन्होंने कहा कि हम लोग किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे। हम स्वच्छ बैंकिंग पर यकीन करते हैं और आरबीआइ की गाइडलाइन का पालन करते हैं।
Hum kisi bhi galat kaam ko badhaava nahi denge. Hum log iss (#PNBScam) cheez ko surface pe lekar aaye: Sunil Mehta, MD PNB pic.twitter.com/miWOwaWSO0
— ANI (@ANI) February 15, 2018
ग्राहक की पड़ताल के दौरान सामने आया यह मामला
एक सवाल के जवाब में सुनील मेहता ने कहा कि बैंक को इस मामले की जानकरी एक ग्राहक के केस की पड़ताल के दौरान सामने आई। उन्होंने कहा कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में इसकी जानकारी मिली। 29 जनवारी को इसके विषय में सीबीआइ और संबंधित एजेंसी को बताया गया तथा 30 जनवरी को एफआइआर दर्ज की गई।
उन्होंने इस बात को माना कि कर्मचारियों की मिली-भगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। यह घोटाला सिर्फ एक ब्रांच में हुआ है। आरोपियों से पैसा वसूलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरोपी ने पैसा वापस करने का कोई ठोस प्लान नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि बैंक के सीबीएस में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दर्ज नहीं हुआ था इसलिए घोटाले की जानकारी नहीं मिल पाई।