पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बारे में आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया है। मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पीएनबी से नीरव मोदी को दिए गए कुल कर्ज की राशि, कर्ज देने की प्रक्रिया और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में पेश प्रस्ताव की जानकारी मांगी थी।
इसके जवाब में बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर और केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी जॉय रॉय ने कहा कि इस केस तो सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) के तहत इस तरह की सूचना देने से छूट प्राप्त है।
पीएनबी की ओर से कहा गया है कि इस जानकारी से अपराधियों की जांच, उसकी गिरफ्तार और उसपर मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में रुकावट आएगी। पीएनबी के इस जवाब और तर्क के खिलाफ अनिल गलगली ने प्रथम अपील दायर की हैं।
गलगली ने बताया कि नीरव मोदी जैसे घोटालोबाज को जिन अधिकारियों ने मदद की हैं उनके नाम को सार्वजनिक करने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में पेश एजेंडा, मंजूर प्रस्ताव और मिनिट्स की जानकारी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि नीरव मोदी दोषी हैं। लेकिन, उसकी मदद करने वाले बैंक के वरिष्ठ अधिकरियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका हैं। इसलिए नीरव मोदी को मदद करने वाले का नाम सार्वजनिक करना आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि एक बार जब इस तरह की सूचना सार्वजनिक हो जाए और अफसरों को सजा मिल जाए तो बैंक अधिकारी लोगों की जमा राशि की सुरक्षा करने के लिए ईमानदारी से काम करेंगे। इतना ही नहीं कर्ज की स्वीकृति देने में भी वे सही प्रक्रिया का पालन करेंगे।