11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी की फाइव स्टार डायमंड कंपनी के अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी को शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत से जमानत मिल गई।
जज जे सी जगदाले ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए बिना मंजूरी के विदेश ना जाने के निर्देश भी दिए। इस साल फरवरी में विपुल अंबानी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। मामले के दो मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी तथा मेहुल चोकसी देश छोड़ कर जा चुके हैं। विपुल अंबानी असल में मुकेश अंबानी के चचेरे भाई हैं। वो धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नट्टूभाई अंबानी के बेटे हैं तथा साल 2014 से फायरस्टार का वित्तीय कामकाज देख रहे हैं।
इस घोटाले में दर्ज अपनी दो प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच एजेंसी ने चार अन्य वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था। अंबानी को कार्यपालक सहायक कविता मानकीकर तथा वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल के साथ, सीबीआई द्वारा दर्ज पहली प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 6,498 करोड़ रुपये मूल्य के 150 ‘लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग’ (एलओयू) को लेकर पकड़ा गया था।. एलओयू वह गारंटी होता है जो जारीकर्ता बैंक उन भारतीय बैंकों को आवेदक को अल्पकालिक कर्ज देने के लिए देता है जिनकी विदेशों में शाखाएं हैं।
मानकीकर तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, स्टेलर डायमंड, सोलर एक्सपोर्ट्स में भी महत्वपूर्ण पदाधिकारी हैं। तीनों कंपनियां 31 जनवरी को जांच एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर सूचीबद्ध हैं।