सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि वे यह तय करें कि पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई तेजी से हो तथा मामलों की निगरानी के लिए समिति का गठन किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा हाईकोर्ट को ट्रायल कोर्ट के जजों को सुझाव देना चाहिए कि वे पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई बेवजह आगे न बढ़ाएं।
POCSO Act & stricter punishment plea: Supreme Court has directed all High Courts to constitute a committee to monitor & regulate POCSO Act cases in all the state High Courts expeditiously.
— ANI (@ANI) May 1, 2018
गौरतलब है कि कठुआ गैंगरेप मामला सामने आने के बाद पॉक्सो एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया गया है जिसके तहते सजा में बदलाव किया गया है। अब इस कानून के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले अधिकतम उम्रकैद की सजा थी।
केंद्र सरकार ने पॉक्सो एक्ट को जेंडर न्यूट्रल बनाने का प्रस्ताव भी रखा है। यह मंजूर हुआ तो कम उम्र के लड़कों का यौन शोषण करने वालों को भी सख्त सजा दी जा सकेगी। अभी इस एक्ट में सिर्फ बच्चियों का यौन शोषण करने वालों के लिए गंभीर सजा का प्रावधान है।