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शायर एवं पूर्व सांसद बेकल उत्साही नहीं रहे

कांग्रेस के पूर्व सांसद और मशहूर शायर बेकल उत्साही का ब्रेन हैमरेज के कारण आज तड़के दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। डॉक्टरों ने बताया कि मष्तिष्क में रक्तस्राव के बाद एक दिसंबर को उन्हें राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शायर एवं पूर्व सांसद बेकल उत्साही नहीं रहे

उन्होंने बताया कि आईसीयू में चिकित्सा के दौरान आज सुबह तकरीबन साढ़े चार बजे उनका निधन हो गया। बेकल उत्साही का जन्म एक जून 1924 को हुआ था। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के उतरौला के रहने वाले उत्साही का असली नाम शफी खान था। गुलामी के वक्त अपने गीतों की वजह से उत्साही को कई बार जेल भी जाना पड़ा. उत्साही को कांग्रेस की ओर से 1986 में राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था।

उन्होंने 1952 में विजय बिगुल कौमी गीत और 1953 में बेकल रसिया लिखी। उत्साही ने गोंडा हलचल प्रेस, नगमा व तरन्नुम, निशात-ए-जिंदगी, नूरे यजदां, लहके बगिया महके गीत, पुरवईयां, कोमल मुखड़े बेकल गीत, अपनी धरती चांद का दर्पण जैसी कई किताबें भी लिखीं। (एजेंसी)

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