पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आ गए और सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया लेकिन कोरोना की बेकाबू लहर के बीच कोरोना संक्रमण भी इन राज्यों में खासा बढ़ा है। असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल के बीच मतदान हुए थे। चुनाव वाले पांच राज्यों में कोरोना के नए मामलों मे तेज उछाल दिखा है। इन राज्यों में मार्च से चुनावी रैलियां और रोड-शो शुरू हुए थे कोरोना की दूसरी लहर भी मार्च से विकराल रूप लेने लगी थी। चुनाव वाले राज्यों में कोरोना के मामले में सबसे ज्यादा उछाल पश्चिम बंगाल में आया है। यहां कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में 75 गुना बढ़ोतरी हुई है तो केरल में भी मामले 9 गुना बढ़ गए।
26 फरवरी को चुनाव आयोग ने जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान किया था। उनमें पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी शामिल है। पश्चिम बंगाल इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर आठ चरणों में मतदान हुए। विभिन्न उच्च न्यायालयों की तरफ से चुनाव आयोग को फटकार लगाई गई कि उसने राजनीतिक रैलियों पर समय रहते कोई प्रतिबंध नहीं लगाया।
27 मार्च से शुरू हुई मतदान की प्रक्रिया 29 अप्रैल तक चलती रही। इन 5 पांच राज्यों में करीब 18 करोड़ मतदाता हैं। इन चुनाव क्षेत्रों में न तो कोई सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाया जा रहा था और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था। नतीजा यह हुआ कि अकेले बंगाल में चुनाव के ऐलान के बाद से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में 75 गुना बढ़ोतरी हुई है।
27 अप्रैल को बंगाल में 16,403 नए मामले सामने आए जबकि 26 फरवरी को यह संख्या केवल 216 थी। इस दौरान पॉजिटिविटी रेट में भी भारी उछाल आया। अभी राज्य में एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। जबकि 26 फरवरी को यह संख्या सिर्फ 3343 थी। इसी तरह तमिलनाडु में एक मार्च को 502 लोग संक्रमित पाए गए थे, जबकि 27 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 15,830 हो गई। अन्य चुनावी राज्य केरल में भी मामले 9 गुना बढ़ गए।