बहुप्रतीक्षित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अगले साल सितंबर से यात्रा की शुरुआत होने की संभावना है। इससे लोगों का समय और पैसा भी बचेगा। एक जून तक 91.53 प्रतिशत क्लियरिंग, ग्रबिंग का कार्य और 47.10 प्रतिशत मिट्टी का कार्य पूरा हो गया है। साथ ही 96.06 प्रतिशत जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। उम्मीद है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से पिछड़े पूर्वांचल के विकास को गति मिलेगी।
मुख्य सचिव ने लिया काम का जायजा
एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की प्रगति जानने के लिए मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय और यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के विभिन्न फेजों अमेठी, सुल्तानपुर, गाजीपुर और आजमगढ़ का स्थलीय निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में और अधिक तेजी लाकर अगस्त 2020 तक प्रदेश की जनता को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यातायात के लिए उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए आवश्यकतानुसार अवशेष जमीन का अधिग्रहण 15 दिन में अवश्य पूरा कर लें। साथ ही जून के अंत तक बिजली की लाइन ट्रांस्रफार्मर आदि अन्य शिफ्टिंग का कार्य भी पूरा करें।
10 प्रतिशत कार्य पूरा
यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को आठ पैकेजों में बांट कर निर्माण कराया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ जिले में लखनऊ-सुल्तानपुर मार्ग (ग्राम-चांदसराय) से शुरू होकर गाजीपुर जिले में (ग्राम-हैदरिया) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 340.824 किमी है और 10 प्रतिशत भौतिक कार्य पूरा हो गया है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण छह लेन चौड़ाई में और सभी स्ट्रक्चरर्स आठ लेन चौड़ाई के बनाए जा रहे हैं। मार्ग के एक ओर स्टैगर्ड रूप से सर्विस रोड का निर्माण कराया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पूर्णत: प्रवेश नियंत्रित होगा। मीडियन की चौड़ाई 5.5 मीटर है।
हवाई पट्टी का भी होगा निर्माण
एक्सप्रेस-वे को क्रॉस करने वाले मुख्य यातायात मार्गों पर वाहनों के आने-जाने के लिए इण्टरचेंज, पदयात्री वाहनों के लिए अण्डरपास और टोल प्लाजा के निर्माण का प्राविधान परियोजना में किया गया है। परियोजना में पैकेज संख्या चार में कूड़ेभार के पास हवाई पट्टी का निर्माण कराया जाएगा। यातायात की सुरक्षा के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का कार्य परियोजना में शामिल है।
वाराणसी के लिए इंटरचेंज प्रस्तावित
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पूर्व प्रस्ताव में एक्सप्रेस-वे से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233/28 (आजमगढ़-वाराणसी सेक्शन) तक 12.25 किमी लम्बाई का लिंक प्रस्तावित किया गया था। एनएचएआई द्वारा आजमगढ़ शहर के लिए बाईपास प्रस्तावित करने के कारण (जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233/28 से वाराणसी को आगे जोड़ेगा) वाराणसी लिंक को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना से हटाया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233/28 से प्रवेश और निकासी के लिए इण्टरचेंज प्रस्तावित है, जिससे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से वाराणसी के लिए कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।
619 करोड़ की हुई सरकार को बचत
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना की वर्तमान स्वीकृत लागत 23,349.37 करोड़ है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आठों पैकेजों सिविल कार्यों की निविदा 11,216 करोड़ की मिली है, जो परियोजना के सिविल कार्यों की आगणित लागत 11836.02 करोड़ से 5.24 प्रतिशत कम है। इससे शासन को 619.92 करोड़ की बचत होगी।