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विवादों के बीच आज RSS के कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर पहुंचे प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में हिस्सा लेने बुधवार...
विवादों के बीच आज RSS के कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर पहुंचे प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में हिस्सा लेने बुधवार को नागपुर पहुंच चुके हैं।बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर संघ के स्वयंसेवक उनका स्वागत किया। वे गुरुवार को संघ मुख्यालय में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ मंच साझा करेंगे।

स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में प्रणब को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया है। 25 दिन तक चलने वाला यह प्रशिक्षण 7 जून को खत्म हो रहा है। इस कार्यक्रम में देशभर के 708 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। इनमें डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान और विभिन्न वर्ग के युवा हैं। इनकी उम्र 25 से 30 साल की है।

आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस पार्टी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां कांग्रेस के कई नेता लगातार पूर्व राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर हैरान हैं, वहीं पार्टी के अन्य नेता मुखर्जी के समर्थन में सामने आए।  

कांग्रेस के इस नेता ने दी पुनर्विचार करने की सलाह 

मंगलवार को भी आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के प्रणब मुखर्जी के फैसले पर असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रिपुन बोरा ने अपने पत्र में लिखा है कि संघ ने कभी भी राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान नहीं किया है। एक राष्ट्र, एक धर्म का नारा केवल एक दिखावा मात्र है।

अपने निर्णय पर एकबार फिर से विचार करें प्रणब मुखर्जी: रिपुन बोरा

उन्होंने लिखा कि सामाजिक और धार्मिक असहिष्णुता बढ़ाने में संघ का प्रमुख हाथ रहा है। उन्होंने लिखा कि आपने (प्रणब दा) ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस की सेकुलरिज्म विचारधारा के प्रचार-प्रसार में लगा दिया और अब एक कट्टरविचारधारा वाले संगठन के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। इसलिए आपको अपने निर्णय पर एकबार फिर से विचार करना चाहिए।

कांग्रेस के इन नेताओं ने किया विरोध

इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शीला दीक्षित, कुमारी शैलजा और पी. चिदंबरम खुलकर मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाने के फैसले की आलोचना कर चुके हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस का टॉप लीडरशिप ने अब तक इस बारे में खुलकर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुखर्जी के फैसले को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने खुलकर इन हाउस मीटिंग में पूर्व राष्ट्रपति के फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब आरएसएस ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र की कोर्ट में मानहानि केस दायर कर रखा है ऐसे हालात में प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय जाने के बारे में कैसे सोच सकते हैं?

प्रणब मुखर्जी के बचाव में उतरे पार्टी के ये नेता

आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर जहां कांग्रेस के कई नेता विरोध या हैरानी जता रहे हैं वहीं, दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने के मामले को सही ठहराया है। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे की तरह मुखर्जी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के निमंत्रण स्वीकारे जाने को लेकर बातें बनाई जा रही हैं उसकी जरूरत है नहीं।

मोइली से पहले शिंदे भी प्रणब मुखर्जी का बचाव कर चुके हैं। उन्होंने प्रणब का बचाव करते हुए कहा था कि उनका आरएसएस के कार्यक्रम में जाना गलत नहीं है क्योंकि वह एक धर्म निरपेक्ष  व्यक्ति होने के साथ बहुत अच्छे विचारक हैं। पूर्व गृह मंत्री शिंदे ने कहा कि प्रणब मुखर्जी एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं।

भाजपा ने किया प्रणब के फैसले का स्वागत

बीजेपी ने पूर्व राष्ट्रपति के इस कदम की सराहना की है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. नन्द किशोर गर्ग ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य किया है। डॉ. गर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तीन साल के कार्यकाल के वे बेहद सक्रिय रहे और इस दौरान एक भी बार ऐसा मौका नहीं आया जब उन्हें किसी बात पर असहजता हुई हो, बल्कि प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर स्पष्ट किया कि प्रणब दा से उन्हें बहुत सीखने को मिलता है।

7 जून को नागपुर में है आरएसएस का कार्यक्रम

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति और जिंदगी भर कांग्रेस के कट्टर नेता रहे प्रणब मुखर्जी 7 जून को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। मुखर्जी के आरएसएस के निमंत्रण को स्वीकार किए जाने को लेकर पार्टी में विवाद शुरू हो गया है।

जब से पूर्व राष्ट्रपति ने संघ के कार्यक्रम में जाने की बात स्वीकार की है तभी से उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें इस मामले में कई चिट्ठियां मिली हैं और कई कॉल भी आए हैं। कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब को चिट्ठी लिखकर और कॉल कर संघ के कार्यक्रम में नहीं जाने की सलाह दी है।

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