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प्रवीण तोगड़िया बोले, 'मुझे विहिप छोड़ने के लिए मजबूर किया गया'

प्रवीण तोगड़िया को भाजपा के खिलाफ बोलने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। विहिप से छुट्टी होने के बाद...
प्रवीण तोगड़िया बोले, 'मुझे विहिप छोड़ने के लिए मजबूर किया गया'

प्रवीण तोगड़िया को भाजपा के खिलाफ बोलने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। विहिप से छुट्टी होने के बाद उन्होंने  ऐलान किया है कि वह हिंदुओं की आवाज बने रहेंगे और राम मंदिर के लिए आंदोलन करेंगे। उन्‍होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 100 करोड़ हिन्दुओं की आवाज उठाना क्या गुनाह है? हिन्दुओं की आवाज दबाई गई है। साथ ही कहा है कि हिंदू, किसान, युवा, महिला और मजदूरों की मांगों को लेकर 17 अप्रैल से अहमदाबाद में अनिश्‍चितकालीन धरने पर बैठेंगे।

विहिप छोड़ने को किया मजबूर

एक प्रेस कांफ्रेस में तोगड़िया ने कहा कि जल्द ही बड़ी घोषणा करूंगा। संसद में राम मंदिर का कानून बने यही मेरी मांग है। बड़ी जंग जीतने के लिए कभी छोटी हार हारनी पड़ती है। मैं विश्व हिंदू परिषद में था, आज नहीं हूं लेकिन वह हिंदुओं के साथ मिलकर संसद से कानून बनवा कर राम मंदिर बनवाएंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे विहिप छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। मेरे पास रिकॉर्डिंग हैं कि मुझे कहा गया था राम मंदिर का मुद्दा छोड़ दो या विहिप छोड़ दो। मुझे सिर्फ बाहर करने के लिए चुनाव कराया गया। आज विहिप की बैठक में करोड़ों हिंदुओं की आवाज को दबाया गया।

केंद्र पर साधा निशाना

तोगड़िया ने कहा, 'मैंने सपने में भी नहीं सोचा था मुझे इस तरह से 32 साल बाद निकाला जाएगा'। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने और कुर्बानियों को याद करते हुए केंद्र की मोदी सरकार और संगठन के कुछ लोगों पर गंभीर इल्जाम लगाए। तोगड़िया ने दावा किया कि सरकारी हितों के दबाव में विहिप को टूटते देखना अफसोसजनक है। साथ ही आरोप लगाया कि हिंदुओं की लाशों पर सत्ता पाने वाले व्यक्तियों के आगे संगठन के कुछ लोगों का नतमस्तक होना भी दुखदायी है। प्रवीण तोगड़िया ने विश्वास जताया कि विहिप, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों के कार्यकर्ता और देश के तमाम हिंदू मिलकर राम मंदिर जैसे मुद्दों पर एक साथ मिलकर आवाज उठाएंगे तथा आह्वान किया कि सभी लोग 'सुरक्षित हिंदू, समृद्ध हिंदू' की ओर बढ़ें।

बता दें 14 अप्रैल को विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ। इसमें 273 प्रतिनिधियों में से 192 प्रतिनिधियों ने मतदान किया। आरएसएस समर्थक विष्णु सदाशिवम् कोकजे को 192 में 131 वोट मिले तो  प्रवीण तोगड़िया के समर्थक राघव रेड्डी को 60 वोट मिले और एक वोट अमान्य रहा।

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