नई दिल्ली। चार दशक तक ब्रह्माकुमारीज संस्था की प्रमुख प्रशासक रहीं दादी प्रकाशमणि के स्मृति दिवस पर शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डाक टिकट जारी किया। नई दिल्ली के कल्चरल सेंटर में कस्टमाइज माय स्टांप का विमोचन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दादी प्रकाशमणि का जीवन तपस्या का प्रकाश स्तंभ रहा है। 70 वर्षों के अथक त्याग, तपस्या और सेवा से उन्होंने दुनिया भर में ईश्वरीय प्रेम का संदेश प्रसारित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दादी प्रकाशमणि का जीवन हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज को दुनिया में सबसे बड़े महिला नेतृत्व वाले संगठन के रूप में स्थापित किया। राष्ट्रपति ने भारत सरकार के डाक संचार विभाग का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी योजनाओं का लाभ बहुत लोगों तक पहुंच रहा है।
केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवू सिंह चौहान ने कहा कि शुरू से ही संतों और ऋषियों की भूमि रहे भारत ने सारे विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैलाया है। इसी कारण से भारत को विश्वगुरु माना जाता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को आगे करके एक महान फैसला लिया था। आज दादी प्रकाशमणि के बताए हुए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने दादी से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे भरी सभा में शान से कहती थी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी झूठ नहीं बोला। सबका सम्मान करने वाली दादी प्रकाशमणि प्रेम और विनम्रता की साक्षात मूर्ति थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में ओम शांति रिट्रीट सेंटर की डायरेक्टर राजयोगिनी आशा दीदी ने सबका स्वागत किया। इस दौरान दादी प्रकाशमणि के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन बीके रमा ने किया, जिसमें लगभग 250 मेहमानों ने हिस्सा लिया।