गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करने के लिए जब उनकी मां और पत्नी को मंच पर आमंत्रित किया गया तब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भावुक हो गए।
शहीद की मां और पत्नी के जाने के बाद उन्होंने रुमाल निकालकर अपने आंसू पोंछे।
भारतीय वायुसेना के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से नवाजा गया है। गरुड़ कमांडो जेपी निराला तीन महीने पहले ही आतंकरोधी अभियान के तहत स्पेशल ड्यूटी पर कश्मीर के हाजिन में सेना के साथ तैनात थे। श्रीनगर में इसी ऑपरेशन के दौरान सेना की तरफ से की गई कर्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के भतीजे तल्हा रशीद को मारा गया था।
कमांडो निराला अपने माता-पिता के एकलौते बेटे थे। परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी पत्नी सुषमा और 4 साल की बेटी जिज्ञासा हैं। उनकी पत्नी सुषमा ने आज तक को बताया कि वह हमेशा वीरता की बातें करते थे। उनकी 8 साल की सर्विस हुई थी। जुलाई 2017 में उन्हें कश्मीर जाने का मौका मिला।
उनकी पत्नी का कहना है कि वह उनसे अक्सर कहते थे कि वह रहें या ना रहें तुम्हें आत्मनिर्भर बनना होगा। उनके भरोसे नहीं रहना है। वह देश की सेवा के लिए हैं, देश उनका पहला कर्तव्य है।
उनकी पत्नी ने बताया कि उनकी आखिरी बार उनसे 17 नवंबर 2017 को बात हुई थी। बेटी जिज्ञासा भी अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे चलेगी जैसे उनके पति ने देश का नाम रोशन किया वैसे ही उनकी बेटी भी देश का नाम रोशन करेगी।