राम जन्मभूमि निर्माण के ट्रस्टी और बिहार के पूर्व एमएलसी कामेश्वर चौपाल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने कामेश्वर चौपाल को एक अनन्य रामभक्त बताया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कामेश्वर के परिजनों और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
बता दें कि कामेश्वर चौपाल ने राजधानी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में आखिरी सांस ली। जानकारी के मुताबिक, वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। राम मंदिर आंदोलन से लेकर अब तक अयोध्या से उनका गहरा लगाव रहा है। इसके अलावा वे बिहार बीजेपी के बड़े नेता भी रहे। ऐसे में उनके गुजर जाने से बीजेपी के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है। इनमें सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और दिलीप जायसवाल जैसे नेता शामिल हैं।
"हमेशा याद किए जाएंगे कामेश्वर चौपाल"- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने 'एक्स' पर लिखा, "भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले कामेश्वर जी समाज के वंचित समुदायों के कल्याण के कार्यों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!"
वहीं, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स अकाउंट पर लिखा, “विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवंबर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम राम भक्त कामेश्वर चौपाल का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित रहा। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
बता दें कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का शुक्रवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और सर गंगाराम अस्पताल में उपचाराधीन थे। कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर निर्माण में पहली ईंट रखी थी। संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था।
गौरतलब है कि भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे। उस समय वे विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवक भी थे। राम मंदिर आंदोलन में कामेश्वर चौपाल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी अहम भूमिका देखते हुए ही उन्हें आधारशिला रखने के लिए चुना गया था। कामेश्वर चौपाल 1982 में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बने थे। 1989 में उन्हें पहली बार राज्य प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई।