प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत वाराणसी में गोद लिए चार गांव में सांसद निधि का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए मिली जानकारी से हुआ है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की ओर से जारी पत्र बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने से विपक्ष ने इस बात मुद्दा बनाकर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला।
कन्नौज के रहने वाले अनुज वर्मा ने प्रधानमंत्री के गोद लिए गांवों के बारे में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे लेकर पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह ‘पगलाए’ विकास का सच है। उन्होंने ट्विटर पर कहा- मोदी जी, एक भी गोद लिए गांव में आपने सांसद निधि से फूटी कौड़ी नहीं दी। आपके द्वारा ही शुरू की गई ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ भी बनी ‘जुमला योजना’।
मोदीजी,
पगलाए ‘विकास’ का सच।
एक भी गोद लिए गाँव में आपने सांसद निधि से फूटी कौड़ी नहीं दी।
आपके द्वारा ही शुरू की गई ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ भी बनी ‘जुमला योजना’। pic.twitter.com/PL7YG7U1xI
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 19, 2018
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'हम सबको पता है कि मोदी सरकार क्यों आरटीआई के खिलाफ है क्योंकि यह पीएम के लिए कुछ अप्रिय सत्य सामने लाता है। जैसे कि खुद के प्रचार में 4500 करोड़ रुपए खर्च करना और वाराणसी में गोद लिए चार गांवों में एक भी रुपया न खर्च करना।'
We all know why Modi Sarkar is against the RTI, because it reveals some unpleasant truths about the PM.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) July 19, 2018
For e.g. spending 4500 crores for self publicity and zero spending for development of 4 villages he adopted in Varanasi. #WahModijiWah pic.twitter.com/wsH4E17EvL
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक की ओर से 30 जून को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि गोद लिए गांव जयापुर, नागेपुर, ककरहिया और डोमरी में प्रधानमंत्री की सांसद निधि से कोई भी कार्य नहीं कराया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन गांवों में हुए विकास कार्य सांसद निधि की बजाए सरकारी योजनाओं और कंपनियों के सीएसआर फंड से कराए गए है। गांवों में बेहतर सुविधाओं के लिए कई संस्थाओं ने भी सहयोग दिया। हालांकि, इस बारे में प्रशासन का कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।