राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को क्षेत्र के देशों द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि वित्तीय संसाधन आतंकवाद का आधार हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की भारत-मध्य एशिया बैठक की शुरुआत के मौके पर अपने संबोधन में डोभाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को आतंकवादी कृत्यों में शामिल संस्थाओं या लोगों को किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए और आतंकवाद-रोधी समझौतों में निहित दायित्वों को पूरा करना चाहिए।
डोभाल ने मध्य-एशिया को भारत का ‘‘विस्तारित पड़ोसी’’ करार देते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र को ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता’’ देता है।
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जबकि बैठक में तुर्कमेनिस्तान का प्रतिनिधित्व भारत में उसके राजदूत कर रहे हैं।
डोभाल ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे लेकर सब चिंतित हैं। अफगानिस्तान में तात्कालिक प्राथमिकताओं के संबंध में भारत के लक्ष्य इस मंच पर मौजूद कई देशों के समान हैं।’’ उन्होंने कहा कि मध्य-एशियाई देशों के साथ संपर्क भारत की एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है और भारत इस क्षेत्र में सहयोग, निवेश और संपर्क कायम रखने को तैयार है।
चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरए) परियोजना के संदर्भ में डोभाल ने कहा, ‘‘ संपर्क का विस्तार करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के मद्देनजर संपर्क कायम करने के कदम पारदर्शी हों व परामर्श तथा भागीदारी से उठाए जाएं।’’