सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से जम्मू-कश्मीर मामले में एक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्र से कहा, 'घाटी में लागू किए गए प्रतिबंध, शटडाउन और गिरफ्तारी से संबंधित सभी आदेशों का रिकॉर्ड कोर्ट के समक्ष रखें।' कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर तीन जजों की बेंच ने इस पर सुनवाई की। गत 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ इसके पुर्नगठन का विधेयक पारित करा दिया था। इसके बाद से वहां लॉकडाउन की स्थिति है और स्थानीय नेता नजरबंद हैं। हालांकि संचार सेवाओं में ढील दी गई है।
फारुख अब्दुल्ला की बेटी और बहन हिरासत में
मंगलवार को इसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी साफिया अब्दुल्ला खान और बहन सुरैया ने भी की। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से मोबाइल-इंटरनेट और आवाजाही पर लगी रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की गई। जम्मू कश्मीर सरकार ने कोर्ट में बताया कि हालात में अब बदलाव आया है और सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं।
5 अगस्त से नजरबंद कई नेता
फारूख अब्दुल्ला और उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई नेता नजरबंद हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन अब्दुल्ला की बहन सुरैया और उनकी बेटी साफिया के नेतृत्व में हो रहा था, इसमें काफी महिला कार्यकर्ता भी शामिल थीं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। हिरासत और नजरबंदी के खिलाफ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई पत्र लिखे हैं। वहीं, अदालत में भी इसे चुनौती दी गई है।
पोस्ट पेड मोबाइल सेवाएं शुरू की गईं
सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से पहले लागू मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध में 72 दिनों के बाद सोमवार को आंशिक राहत दी थी। पोस्ट पेड मोबाइल सेवा सोमवार को दोपहर में शुरू की गईं। हालांकि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया। अधिकारियों ने बताया कि शाम को करीब पांच बजे एसएमएस सेवाएं भी रोक दी गईं। यह कदम एहतियाती कदम के तौर पर उठाए गए हैं।
प्रीपेड मोबाइल सेवा में लग सकते हैं दो महीने
अधिकारियों ने बताया कि 25 लाख से ज्यादा प्रीपेड मोबाइल फोन और व्हाट्सएप सहित अन्य इंटरनेट सेवाएं फिलहाल बंद रहेंगी। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कहा था कि इंटरनेट सेवाएं जल्दी ही शुरू की जाएंगी। लेकिन सुरक्षा संगठनों से जुड़े अधिकारियों ने खासी सतर्कता बरतते हुए जो प्रक्रिया अपनायी है, उससे इंटरनेट सेवाएं शुरू होने में दो महीने तक का समय लग सकता है। अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मोबाइल सेवाएं शुरू करने पर फैसला अगले महीने लिया जा सकता है।
जम्मू में इंटरनेट सेवा पर दोबारा लगी थी रोक
सरकार ने पिछले 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से पहले सभी तरह की संचार सेवाएं बंद कर दी थीं। जम्मू में संचार सेवाएं कुछ दिनों बाद बहाल कर दी गईं और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मध्य अगस्त में शुरू हो गईं। लेकिन इसका दुरुपयोग होने पर 18 अगस्त को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं दोबारा रोक दी गईं।