राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने हिंदू और हिंदुत्ववादियों के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि इस विषय पर उनका ज्ञान और समझ ‘बहुत कम’ है। इस मौके पर क्रिसमस की अग्रिम शुभकामना देते हुए कैबिनेट मंत्री आरके सिंह ने कर्नाटक में पिछले दिनों चार जिले के 20 हजार हिंदुओं के ईसाई धर्म स्वीकार करने को दुखद बताया तथा इस बात पर जोर दिया कि धर्मांतरण नहीं होना चाहिए।
नई दिल्ली के नागालैंड हाउस में भारतीय क्रिश्चियन मंच ने क्रिसमस सेलिब्रेशन का कार्यक्रम रखा था जिसमें संघ नेता इंद्रेश कुमार, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, कांग्रेस से बीजेपी में गए वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन, बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम चुबा आओ के अलावा अमेरिका, रूस, कोरिया, सीरिया समेत 10 से अधिक देशों के दूतावास से प्रतिनिधि शामिल हुए। इस मौके पर आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कुमार ने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी विश्वनाथ गलियारे की यात्रा को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि उन्हें अपने बयानों से देश को ‘‘असभ्य’’ नहीं बनाना चाहिए।
गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिंदुत्व के बिना, एक हिंदू का अस्तित्व नहीं हो सकता। हिंदू और हिंदुत्व के शब्दों के बीच अंतर करके, उन्होंने शरीर से उसकी आत्मा को अलग कर दिया। उनके पास बहुत कम ज्ञान और समझ है।’’ राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए, गांधी ने रविवार को कहा था कि भारत हिंदुओं का देश है, न कि ‘हिंदुत्ववादियों’ का और उन्होंने हिंदुत्ववादियों को हटाने का आह्वान किया।
मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी प्रमुख की टिप्पणियों को लेकर निशाना साधते हुए कुमार ने कहा कि नेताओं को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अपने बयानों और आचरण के साथ एक सभ्य समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए। कुमार ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव ‘सनातन’ का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वह पिता का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्हें भारत को असभ्य देश नहीं बनाना चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि सिंह ने कहा कि सभी धर्मों को एक दूसरे का सम्मान और आदर करना चाहिए इससे देश में भेद भाव, मतभेद एवं झगड़े नहीं होंगे। समाज में शांति और सौहार्द का वातावरण रहेगा तो देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों को और बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा।