पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न पाने वाले विधायकों में सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। सीएम ने नाराज कांग्रेस के तीन वरिष्ठ विधायकों लुधियाना से राकेश पांडेय, समराला से अमरीक सिंह ढिल्लों और फतेहगढ़ साहिब से काका रणदीप सिंह नाभा ने विधानसभा समितियों से इस्तीफा दे दिया है।
पांच बार लुधियाना से विधायक रहे पांडे ने कहा कि वरिष्ठता का ख्याल न रखते हुए मंत्रीमंडल विस्तार से वे आहत हुए हैं। हालांकि स्पीकर राणा केपी सिंह ने इसे अभी मंजूर नहीं किया है। विधायकों ने कहा कि मंत्रिमंडल में वरिष्ठता का ख्याल नहीं रखा गया। बताया जा रहा है कि तीनों विधायकों जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे।
इससे पहले कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्नी की अगुवाई में चार विधायक पिछले दिनों राहुल गांधी से मिले थे। पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह न पाने से नाराज कई कांग्रेस विधायक पहले भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें संगत सिंह गिलजियां, सुरजीत धीमान और नत्थू राम बलुआना शामिल हैं। मंत्रीमंडल विस्तार से नाराज नवतेज सिंह चीमा और गुरकीरत सिंह कोटली ने अपनी नाखुशी जताई थी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते एवं खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके ‘पुराने और पारंपरिक’ परिवारों का मंत्रिमंडल में पद के लिए विचार करना चाहिए था। नवतेज सिंह चीमा ने कहा, ‘मैं मंत्री बनने के सभी मानदंडों पर खरा उतरता हूं लेकिन एक कनिष्ठ व्यक्ति को शामिल किया गया। मैंने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते इसके बावदूद ख्याल नहीं रखा गया।‘