वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने राफेल की कीमत पर जो भी तथ्य सामने रखे हैं, वह सभी गलत हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 2007 राफेल डील के संबंध में खुद अलग-अलग भाषणों में 7 अलग-अलग कीमतों का जिक्र किया है। साथ ही अरुण जेटली ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया था। अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी को राफेल को लेकर कोई समझ नहीं है। पता नहीं उन्हें इसकी कब समझ होगी।
उन्होंने कहा, ‘यह पूरी बहस किंडरगार्टन या प्राइमरी स्कूल की बहस जैसी है। इस तरह का तर्क दिया जा रहा है कि मैं किसी चीज के लिए 500 कुछ दे रहा था आपने 1600 कुछ दे दिए। इससे पता चलता है कि उनकी (राहुल गांधी) समझ कितनी पुरानी है।‘
अरुण जेटली ने आगे कहा कि 2015 से 2016 के बीच सौदे पर कई चरणों में बातचीत हुई और 2016 में इस डील पर अंतिम मुहर लगी। करेंसी में उतार चढ़ाव की वजह से सौदे की कीमत में बदलाव हुआ। इस तरह राफेल विमानों की कीमत बेसिक प्राइस से 9 फीसद कम हुई। क्या कांग्रेस को इस तथ्य की जानकारी नहीं है? अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि कोई भी आरोप लगाने से पहले वह तथ्यों की जांच करें। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा।
राफेल डील को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं अरुण शौरी व यशवंत सिन्हा द्वारा की जा रही आलोचना के जवाब में अरुण जेटली ने कहा, ‘एनडीए में विशेषकर भाजपा में हमारी त्रासदी यह है कि हमारे पास 'करियर नेशनलिस्ट' बहुत हैं। वे हमारे साथ रहकर तब तक राष्ट्रवादी रहते हैं, जब तक वैसा बने रहने में उनके करियर को फायदा होता है। मैं उन्हें ज्यादा विश्वसनीय नहीं मानता।‘
टिप्पणियां राफेल डील को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आगे कहा, ‘कांग्रेस को यह याद रखना होगा कि वह जनता को हर समय बेवकूफ नहीं बना सकती है। यह दो सरकारों के बीच हुआ सौदा है। भारत सरकार 36 फुली-लोडेड विमान फ्रांस से खरीदेगी, किसी प्राइवेट कंपनी या संस्था का कोई दखल नहीं। सरकार की भूमिका भी खत्म।‘
आगे जेटली ने कहा कि अगर आप राष्ट्रपति मैक्रॉन के कथन को गलत तरीके से कोट करने की सीमा को पार कर सकते हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने आपको आगाह किया कि इस सौदे में कोई गोपनीयता क्लॉज नहीं है तो फ्रांसीसी सरकार ने इसे इनकार कर दिया है। भारत सरकार ने संसद में गोपनीयता कारण दिखाया और फिर आप पलटी मारते हैं और कहते हैं, ‘होगा पर मैं नहीं मानता।‘